TIRANDAJ.COM . स्मार्ट नई दिल्ली के सहयोग से कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में संचालित रेडियो संवाद 90.8 एफएम द्वारा टीबी जागरूकता अभियान की शुरूआत की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रायपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि टीबी एक गंभीर बिमारी है। छत्तीसगढ़... Read More
tirandaj.com और khana khazana का क्विज में शामिल होकर पायें डिनर की तो स्पेशल थाली।
TIRANDAJ.COM . स्मार्ट नई दिल्ली के सहयोग से कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में संचालित रेडियो संवाद 90.8 एफएम द्वारा टीबी जागरूकता अभियान की शुरूआत की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रायपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि टीबी एक गंभीर बिमारी है। छत्तीसगढ़ इस गंभीर चुनौती को 2023 तक अपने राज्य से खत्म कर देना चाहता है। भारत में 2025 तक इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने की योजना तैयार की गई है।
टीबी के लक्षण
डॉ. चौधरी ने बतया कि टीबी के लक्षणों में शाम को बुखार आना, 15 दिन से ज्यादा खांसी होना, साथ ही छाती में तेज दर्द, खांसी में बलगम एवं खून आना, होना प्रमुख हैं। लोग इस बीमारी के लक्षण दिखने पर समय पर इलाज नहीं करवाते है तो या बीमारी गंभीर हो जाती है।
डॉ. चौधरी ने बतया
टीबी का इलाज व दवाईयां निशुल्क हैं। सालभर के सफल इलाज के द्वारा रोगी ठीक हो जाता है। साथ ही कहा की रेडियो संवाद द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम सकारात्मक भूमिका निभाएगी। इन जागरूकता अभियानों के जरिए ही हम टीबी जैसी गंभीर बिमारी को हरा पाएंगे।
डॉ. अविनाश चतुर्वेदी ने कहा
इस मौके पर टीबी विशेषज्ञ डॉ. अविनाश चतुर्वेदी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौतें टीबी की वजह से होती हैं। हमारा लक्ष्य प्रति 40 व्यक्तियों का चिन्हांकन करके इसके प्रभाव को कम करना है।
वहीं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर टीबी का असर ज्यादा होता है। टीबी की पहचान समय पर नहीं होने के कारण इलाज में देरी हो जाती है।इस दौरान एक संक्रमित रोगी 10 लोगों को बीमार कर चुका होता है। इस बीमारी पर काबू पाने के लिए 20 प्रतिशत लोगों को स्कैन करके उनके बलगम की जांच करके रोगी की पहचान की जाती है। साथ ही बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।
तो वहीं दिल्ली से आयीं पॉकेट एफएम की मैनेजर सुश्री एस्थर ने कहा कि आज सोसायटी इंटरटेनमेंट पोस्ट के दौर में खड़ी हुई है। जहां पर हेल्थ को प्राथमिकता नहीं दी गई है। साथ ही कहा कि मीडिया को हेल्थ कम्युनिकेशन को प्राथमिकता देना चाहिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय नॉवेल एवं स्टोरी लेखन कार्यशाला की शुरुआत की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता में कुलसचिव डॉ आनंद शंकर बहादुर मौजूद रहे। साथ ही बताया कि यह वर्कशॉप दो आयामी है। एक ओर नॉवेल एवं स्टोरी लेखन पर कार्यशाल है। वहीं दूसरी ओर टीबी जैसी घातक बीमारी पर जागरूकता अभियान की शुरुआत है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि रेडियो संवाद 90.8 एफएम द्वारा स्मार्ट नई दिल्ली के सहयोग से टीबी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थी 10 ग्रामों में पहुंचकर रेडियो के माध्यम से अगले 3 महीनों तक जागरूकता अभियान चलाएंगे कार्यक्रम का संचालन वर्षा शर्मा एवं आभार प्रदर्शन डॉ. वैशाली गोलाप ने किया।मौके पर पॉकेट एफ एम से तारन दास मानिकपुरी, आदित्य जैन सहित शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।