BHILAI. ग्राहकों को बाजार में लाने के लिए tirandaj.com और छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की मुहिम “आया त्योहार-चलो बाज़ार” नए रूप में आ गयी है। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज इस अभियान के तहत शहर में पैम्प्लेट्स के जरिए ग्राहकों को बाजार आने का न्यौता दे रही है। इसी क्रम में आज बाजार आने वाले ग्राहकों का मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया।

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज भिलाई के सभी बाजारों के जोन में लगभग 50000 पैम्फ्लेट्स लगाकर ग्राहकों को बाजार आने का न्यौता दे रही है। अभियान के तहत लोगों को ऑनलाइन से नाता तोड़ने और अपने बाजारों से नाता जोड़ने की अपील की जा रही हैं। साथ ही ऑनलाइन खरीदारी से होने वाले नुकसान के बारे में भी इस अभियान के जरिये ग्राहकों को जागरूक किया जा रहा है।

खुशियां मिलती हैं बाज़ारों में
आया त्योहार-चलो बाजार के माध्यम से छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज ग्राहकों को पैम्फ्लेट्स लगाकर जागरूक कर रही है। इसमें बताया जा रहा है कि ऑनलाइन मिलने वाले उत्पाद की क्वालिटी बाजार में मिल रहे उत्पाद से कमजोर होती है। इसके साथ ही लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थिति में लोकल बाज़ार ही ग्राहकों की मांग को पूरा करते हैं। अभियान में यह भी बतया जा रहा है कि ऑनलाइन खरीदी में उचित दर्जे की सर्विस नहीं मिलती है जबकि स्थानीय दुकानदार से खरीदी करने पर, वह आपको सही समय पर सही सर्विस उपलब्ध कराता है।

बाजार से खरीदारी के फायदे
अभियान के तहत बताया जा रहा है कि बाजार से शॉपिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप किसी भी प्रोडक्ट को देखकर या छूकर उसके सही होने की पुष्टि कर सकते हैं। इससे ग्राहक अपने द्वारा ख़रीदे हुए सामान से पूरी तरह से संतुष्ट रहता है। अपने आसपास के बाज़ार की दूकान से शॉपिंग करने पर आप अलग-अलग जगह पर जाकर किसी भी एक प्रोडक्ट की कीमत की जानकारी लेकर उचित दाम में खरीद सकते हैं।

व्यापारी सामाजिक-धार्मिक आयोजनों में भागीदार
इसके अलावा अब इस बात की भी चर्चा हो रही है कि व्यापारी ही सामाजिक-धार्मिक आयोजनों में भागीदार बनते हैं। online bazar का स्थानीय आयोजन से कोई वास्ता नहीं होता। उनकी नज़र में ग्राहक केवल ग्राहक ही होता है। न तो वे नवदुर्गा के आयोजन में आर्थिक सहयोग करते हैं, न ही किसी अन्य आयोजन में।




































