DELHI. सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI पर केंद्र ने देश भर में 5 साल का बैन लगा दिया है। सरकार को पहले से ही PFI के टेरर कनेक्शन की खबर थी। इसी सिलसिले में कुछ दिनों पहले PFI के दफ्तरों और इसके नेताओं के ठिकानों को खंगाला गया था। इन ठिकानों से देशविरोधी गतिविधियों के सबूत मिले थे। किसके बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए UAPA के तहत PFI पर बैन लगाने का फैसला किया है।
बता दें PFI के सैकड़ों ठिकानों पर 22 सितंबर को 15 राज्यों में NIA, ED और दूसरी एजेंसियों ने छापेमारी की थी। इसके बाद 27 सितंबर को भी PFI के ठिकानों पर 9 राज्यों में एजेंसियों ने ताबड़तोड़ रेड डाली थी। इन छापेमारी में सरकार को PFI के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे। जिसके बाद PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर गृह मंत्रालय ने देशभर में पाबंदी लगा दी।

इन संगठनों पर लगा बैन
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया
रिहैब इंडिया फाउंडेशन
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया
ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
NCHRO
नेशनल वीमेंस फ्रंट
जूनियर फ्रंट
एम्वायर इंडिया फाउंडेशन
PFI के ISIS से संबंध
PFI पर हुई छापेमारी में सुरक्षा एजेंसियों को एक्सप्लोसिव और विस्फोटक कैसे बनाएं जैसे डॉक्यूमेंट और सीक्रेट चैट वाले कम्युनिकेशन सिस्टम मिले भी मिले थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि PFI के काडर आतंकी और हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले है। PFI के ISIS जैसे आतंकी संगठनों से संबंध होने के साथ एक समुदाय को कट्टर बनाने का गुप्त एजेंडा चलाने की बात भी सामने आई है।

सूफी खानकाह एसोसिएशन बैन का किया स्वागत
सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भी पीएफआई पर बैन का स्वागत किया है। संस्था के अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने कहा, मुसलमानों को पीएफआई पर बैन के विरोध में कोई प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। लोगों को समझना चाहिए कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था। बता दें सूफी खानकाह एसोसिएशन पिछले कई वर्षों से लगातार पीएफआई पर बैन की मांग कर रहा था। इसके लिए उसके बाकायदा अभियान छेड़ा हुआ था।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लिखा..’बाय-बाय PFI’
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा..’बाय-बाय PFI’ तो वहीं बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान के कई ज़िलों में जिस प्रकार दंगा हुआ था हम तब से कह रहे थे कि इसमें PFI का हाथ है। कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार के समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई थी। भारत की अखंडता के लिए लिए PFI बैन जरूरी था।
BYE BYE PFI pic.twitter.com/aD4kfwCvsu
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 28, 2022





































