महासमुंद। शासकीय स्कूल के नाम बदलने पर छात्रों ने आज नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। मझाइश पर नहीं मानें तो पुलिस ने विद्यार्थियों को हटाने के लिए बल प्रयोग कर दिया। इससे उनमें गुस्सा फूट पड़ा। अंत में जाम हटाने के लिए पुलिस नाबालिग छात्रों को घसीटते हुए गाड़ी में बिठाया, तब जाकर लोगों को राहत मिलेगी।
जिले में स्थित आदर्श उच्चतर माध्यमिक शाला के विद्यार्थी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मार्गदर्शन में NH353 पर बरोंडा चौक के पास चक्काजाम कर दिया। उसके बाद सड़क पर यातायात प्रभावित होने लगा। गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई। इस दौरान विद्यर्थियों को समझाने की कोशिश की गई, पर वे नहीं माने। मौके पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीएम ने मामले को संज्ञान में लेकर शिक्षा विभाग से चर्चा की।
स्कूल के मामले पर छात्रों का कहना है कि हमारे स्कूल को अपडेट करने के लिए नाम बदल दिया जाएगा तो हम लोग कहां पढेंगे। वहीं मौके पर पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि नाम नहीं बदला जाएगा। इस दौरान बच्चे मानने को तैयार नहीं थे। तब नेशनल हाइवे पर से जाम हटाने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों को जबरिया उठाकर बस में बिठाया। इस बीच पुलिस नाबालिग छात्रों को भी घसीटते हुए बर्बरता पूर्वक गाड़ी में बिठाया, तब जाकर चक्काजाम खत्म हुआ।
नाम बदलने पर आदिवासियों ने स्कूल में जड़ दिया था ताला
बता दें कि दो दिनों पहले पिथौरा में आदिवासी शासकीय रणजीत सिंह कृषि उमा हायर सेकेंडरी स्कूल का नाम परिवर्तन कर दिया गया था। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल पिथौरा किए जाने का बच्चे विरोध किए थे। सुबह सात बजे आदिवासियों ने विराेध प्रदर्शन करते हुए स्कूल के सामने ताला जड़ दिया था। गेट के सामने बैठकर प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही तहसीलदार देवेन्द्र नेताम सहित अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे और समझाइश दी थी। घंटेभर प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारी मानें और ताला को खोल दिया गया। स्कूल का ताला खुलने के बाद ओपन बाेर्ड की परीक्षा देने आए विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया और परीक्षा हुई। बताया गया कि आदिवासी राजा रणजीत सिंह द्वारा दान में दी गई जमीन पर पिछले 63 वर्षो से संचालित है।
(TNS)