Tirandaj Desk। अमेरिका की तरफ से झुकाव कम करने की बात को लेकर शुरू हुआ विवाद यूक्रेन और रूस के बीच जंग में बदल चुका है। यूक्रेन के पश्चिमी देशों की तरफ बढ़ते कदम रोकने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने प्रित वफादार रहे पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं।
फिलहाल यानुकोविच रूस के प्रभाव वाले बेलारूस में छिपे हैं। उन्हें इससे पहले दो बार हुए विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा और काफी खून बहाने के बाद उन्हें पद से भी हटा दिया गया। नवंबर 2002 में यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति लियोनिड कुशमार ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया था। मगर, उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और आर्थिक घोटालों के आरोप लगने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था।
इसके बाद साल 2004 में यानुकोविच राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए। हालांकि, कीव में उनके खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शनों की शुरुआत हो गई, जिसे ऑरेंज रेवोल्यूशन कहा गया। बाद में चुनाव में धोखाधड़ी की बात सामने आने पर पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद साल 2006 से 2007 के बीच यानुकोविच एक बार फिर प्रधानमंत्री बने। साल 2010 में वह स्पष्ट बहुमत से चुनाव जीते और इन चुनावों में किसी तरह की गड़बड़ी भी नहीं पाई गई।
यूरोप में शामलि होने के प्रस्ताव को ठुकराया
यानुकोविच ने राष्ट्रपति रहते हुए यूरोप के साथ अच्छे रिश्ते बनाए, लेकिन यूरोप में यूक्रेन को शामिल करने के प्रस्ताव को उन्होंने साल 2013 में ठुकरा दिया। इसकी वजह से जनता ने विद्रोह कर दिया और यूक्रेन में 18-22 फरवरी 2014 के बीच उनके आदेश पर ही प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर गोलीबारी की गई, जिसमें 88 लोगों की मौत हो गई।
इन मौतों से पूरी दुनिया में हलचल मच गई। बाद में यूरोप के दबाव में आकर यानुकोविच ने जल्दी चुनाव कराने का फैसला किया, लेकिन इसी बीच अपने खिलाफ बढ़ते प्रदर्शनों को देखते हुए वे खुद देश छोड़कर भाग खड़े हुए। फिलहाल यूक्रेन में उनके खिलाफ मासूमों की जान लेने का आरोप है और यूक्रेन की धरती पर उतरते ही उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश है।