RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज विशेष सत्र चल रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष की पूरी तरह से गैर मौजूदगी में आज 2047 के विकसित छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्यूमेंट 2047 प्रस्तुत किया गया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विजन प्रस्तुत किया जिसके बाद सत्ता पक्ष के ही सीनियर विधायक अजय चंद्राकर बोलने के लिए खड़े हुए। करीब 1 घंटे के अपने भाषण में उन्होंने विजन डॉक्युमेंट की खामियों को उधेड़ कर रख दिया। स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री पर अजय चंद्राकर की टिप्पणी से मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल नाराज हो उठे।

उन्होंने व्यक्तिगत टिप्पणी पर आपत्ति करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से अजय चंद्राकर के भाषण के उस अंश को विलोपित करने की मांग कर दी। इस पर अजय चंद्राकर ने मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को संसदीय नियम न सिखाने की नसीहत दी। नाराज मंत्री ने भी जवाब देते हुए कह दिया कि वह भी दो बार के विधायक हैं।

बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज विशेष सत्र चल रहा है। आज ही के दिन 25 साल पहले 14 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली बैठक हुई थी। उसी की स्मृति में प्रदेश के रजत जयंती वर्ष पर आज विशेष सत्र चल रहा है जिसमें 2047 के विकसित छत्तीसगढ़ पर आधारित विजन 2047 पर चर्चा चल रही है। चर्चा की शुरुआत वित्त मंत्री ओपी चौधरी के प्रस्तुत विजन 2047 से हुई। उन्होंने प्रदेश में विकास की नई संभावनाओं का जिक्र करते हुए सरकार की नीतियों को रखा।

इसके बाद सत्ता पक्ष की और से बीजेपी के सीनियर नेता अजय चंद्राकर को को बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने विचार 2047 डॉक्यूमेंट की कमियों पर अपने ही मंत्री ओपी चौधरी को बुरी तरह घेर दिया। उन्होंने प्रदेश की समस्याओं को गिनाते हुए कहा कि इसमें ना तो गरीबी उन्मूलन पर कोई बात की गई है ना कृषि सेक्टर के एलाइड सेक्टर के विकास पर कोई विजन है। प्रदेश में कृषि योग्य जमीन लगातार घटती जा रही है उसके बावजूद सिंचाई क्षमता सिमटी चली गई है।

प्रदेश में वित्तीय असंतुलन की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि दंतेवाड़ा जैसे जिले में डीएफ का भी पैसा है बस्तर विकास प्राधिकरण का भी पैसा है आदिवासी बजट का भी पैसा है। रायगढ़ कोरबा जैसे जिलों में भी अपार पैसा है। लेकिन प्रदेश के दूसरे जिलों के लिए फंड कहां से आएंगे, इसकी चिंता कौन करेगा? उनके तीखे तेवर इस कदर सदन में हावी रहे की सत्ता पक्ष के कई नेता असहज हो गए।
अजय चंद्राकर के भाषण और आक्रामक तेवर ने कई मंत्री और विधायकों के माथे पर बल ला दिए। उन्होंने सिंचाई, उद्योग, पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय असमानता जैसे तमाम सेक्टर की खामियों को सामने रखा और इसे दूर करने की मांग की। उनके आक्रामक तेवर से मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल सदन में ही नाराज हो उठे और दोनों में बहस हो गई । आखिर ये स्टैंड क्यों, और संदेश क्या था? इस बारे में लोगों की चर्चा शुरू हो गई है।


































