BHILAI NEWS. मैत्रीबाग में सफेद बाघ के कुनबे से एक सदस्य आज कम हो गया। आज सुबह केज में सफेद बाघिन संदिग्ध हालत में मरी हुई मिली। बताया जा रहा है कि सफेद बाघिन की मौत पेट में इंफेक्शन की वजह से हुई है। इधर सुबह जब जू प्रबंधन के लोगों ने केज में बाघिन को मरा हुआ देखा तो तत्काल इसकी खबर उच्चाधिकारियों को दी। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी यहां पहुंचे और बाघिन की मौत की पुष्टि की।

वहीं दोपहर को ही वन विभाग की टीम ने डीएफओ की मौजूदगी में बाघिन का पोस्टमार्टम कराया और उसका अंतिम संस्कार भी मैत्रीबाग के अंदर ही किया गया। बताया जा रहा है कि इस बाघिन जया की उम्र 11 वर्ष थी और उसे डेढ़ साल पहले जंगल सफारी रायपुर से यहां लाया गया था। डीएफओ का कहना है कि सफेद बाघिन की मौत की असली वजह पीएम रिपोर्ट के आने के बाद ही सामने आएगी।

जानकारों की मानें तो सफेद बाघ काफी संवेदनशील होते हैं और मौसम के अनुरूप उनकी खास देखभाल की जरूरत होती है। पिछले दिनों ही ठंड बढ़ने से जू प्रबंधन ने उनकी डाइट से लेकर उन्हें गर्मी देने अलाव जलाना भी शुरू कर दिया था।

बता दें कि मैत्रीबाग सफेद बाघों के सबसे खास संरक्षण केन्द्रों के रूप में गिना जाता है। 1990 में ओडिशा के नंदनकानन जू से यहां सफेद बाघों का जोड़ा लाया गया था। जिसके बाद सफेद बाघों का कुनबा बढ़कर 19 तक पहुंचा। जिन्हें गुजरात, यूपी, झारखंड, मध्यप्रदेश सहित रायपुर में भेजा गया। इधर अब जया की मौत के बाद मैत्रीबाग में सफेद बाघों की संख्या अब 5 रह गई है।





































