JASHPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के जशपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस से लेकर गांव तक सभी को चौंका दिया। जिस युवक को पुलिस ने मरा हुआ घोषित कर दिया, जिसकी अधजली लाश मिली, जिसके मर्डर में दोस्त जेल भेज दिए गए-वही युवक 61 दिन बाद जिंदा, सही-सलामत थाने पहुंच गया और बोला, साहब… मैं जिंदा हूं, मेरा मर्डर नहीं हुआ है। इसके बाद जो हुआ, उसने पूरी जांच की नींव हिला दी। हालांकि अब पुलिस कर रही है कि गिरफ्तार युवकों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

दरअसल, शनिवार यानी 20 दिसंबर की रात सिटी कोतवाली थाना उस वक्त हैरानी का केंद्र बन गया, जब ग्राम पंचायत सिटोंगा की सरपंच कल्पना खलखो एक युवक को लेकर थाने पहुंचीं। युवक का नाम था-सीमित खाखा (30)। यही वही नाम था, जिसकी हत्या का केस पुलिस सुलझा चुकी थी। सरपंच ने बताया कि सीमित झारखंड से लौटकर बस से उतरा और ऑटो में बैठा। ऑटो चालक ने उसे पहचान लिया और तुरंत फोन कर दिया- जिसके मर्डर में लोग जेल में हैं, वही युवक मेरे ऑटो में बैठा है!

थाने में सीमित ने पुलिस को बताया कि वह रोजगार की तलाश में झारखंड गया था। रांची पहुंचने के बाद साथियों से बिछड़ गया और गिरिडीह जिले के सरईपाली गांव में खेतों में मजदूरी करने लगा। उसके पास मोबाइल नहीं था, इसलिए घर या गांव से संपर्क नहीं हो पाया। क्रिसमस मनाने घर लौट रहा था, तभी उसे खुद पता चला कि वह तो मर चुका है। बता दें कि पूरा मामला 22 अक्टूबर का है। सिटी कोतवाली क्षेत्र के पुरनानगर–बालाछापर के तुरीटोंगरी जंगल में एक युवक की अधजली लाश मिली थी। चेहरा और शरीर का बड़ा हिस्सा जला हुआ था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत को हत्या बताया गया, जिसके बाद पुलिस ने सीमित खाखा को मृत मान लिया।

दोस्त बने आरोपी, अब पुलिस के सामने बड़े सवाल
जांच में पुलिस ने सीमित के तीन साथियों रामजीत राम, विरेंद्र राम, एक नाबालिग को गिरफ्तार किया। आरोप था कि शराब पीने के दौरान कमीशन के पैसों को लेकर झगड़ा हुआ, जिसमें सीमित की चाकू और लोहे की रॉड से हत्या कर दी गई और सबूत मिटाने के लिए शव जला दिया गया। दूसरी ओर, सीमित के जिंदा मिलने से पुलिस के सामने कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिस अधजली लाश का पोस्टमॉर्टम हुआ, वह किसकी थी? अगर सीमित जिंदा है, तो असल में मारा कौन गया? उसके दोस्तों ने हत्या की बात कबूल क्यों की? क्या जांच में कहीं बड़ी चूक हुई?

अब आरोपियों की रिहाई की तैयारी
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि असली मृतक की पहचान के लिए विशेष जांच टीम बनाई गई है। उन्होंने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पहले कार्रवाई हुई थी, लेकिन अब गिरफ्तार आरोपियों की रिहाई के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

































