RAIPUR NEWS. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 03 दिसंबर 2025 को महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को गति देने वाली राज्य सरकार की प्रमुख योजना महतारी वंदन के तहत आज 22वीं किश्त का भुगतान मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में आयोजित कार्यक्रम में बटन दबाकर किया। महतारी वंदन योजना की 22वीं किस्त 67,71,012 हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर की गई। इस दौरान सीएम साय ने कहा कि महतारी वंदन योजना हमारी माताओं और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और आर्थिक स्वावलंबन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण है।

सीएम साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं परिवार, समाज और राज्य की उन्नति की आधारशिला हैं, और उनका सशक्त होना एक सशक्त प्रदेश की अनिवार्य शर्त है। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि प्रतिमाह सीधे बैंक खातों में राशि अंतरित होने से माताओं को न केवल आर्थिक संबल मिलता है, बल्कि परिवार की पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में भी सुनिश्चित सहयोग मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र माता इस सहायता से वंचित न रहे तथा पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ योजना का लाभ निरंतर मिलता रहे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि महतारी वंदन योजना आने वाले समय में लाखों परिवारों के जीवन में स्थायी सकारात्मक बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगी और छत्तीसगढ़ के विकासयात्रा को नई ऊर्जा देगी।

2,41,405 लाभार्थियों की छटनी
बता दें कि महतारी वंदन योजना की पहली किस्त 10 मार्च 2024 को पीएम मोदी के हाथों प्रदान की गई थी। पीएम मोदी ने महतारी वंदन की योजना की पहली किस्त 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की थी। वहीं, अगर 22वीं किस्त के हितग्राहियों की संख्या को देखा जाए तो 6786336 ही रह गए हैं। इनमें से 7,662 महिलाओं को हाल ही में योजना का हितग्राही बनाया गया है, जो नियद नेल्ला नार क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 22 महीने के भीतर 2,41,405 लाभार्थी कहां गए। क्या सरकार ने महतारी वंदन योजना के 2,41,405 लाभार्थियों की छटनी कर दी।

कहां गायब हो गए 2,41,405 हितग्राही
दरअसल महतारी वंदन योजना के लिए सरकार ने महिलाओं से आवेदन भरवाए थे। शुरुआती दौर में कई ऐसे लाभार्थियों ने भी इस योजना के लिए आवदन किया था जो पात्र नहीं (जिन्हें वृद्धा पेंशन जैसे अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा हो) हैं। वहीं, योजना की शुरुआत होने से अब तक कई हितग्राहियों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने मृत और अपात्र लोगों की छटनी कर दी है ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों को दिया जा सके। वहीं, कुछ लाभार्थियों ने अभी तब बैंक में अपना केवाईसी नहीं कराया है, जिसके चलते उनके बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं हो पाते हैं।


































