INDORE NEWS. इंदौर के कोयला कारोबारी विनोद अग्रवाल ने देशभर के दानदाताओं की प्रतिष्ठित सूची “एडेलगिव हुरून इंडिया फिलैंथ्रापी 2025” में लगातार पांचवी बार प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। गुरुवार को जारी इस सूची में उन्हें देशभर में 71वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल उनकी रैंक 58वीं थी।
विनोद अग्रवाल ने वर्ष 2024-25 में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, पशु कल्याण, गरीबी और कुपोषण के क्षेत्र में कुल 19 करोड़ रुपये की परोपकारी गतिविधियों में खर्च किया। इस साल करीब 200 उद्योगपतियों ने इस सूची में नामांकन किया था, जिनमें से 185 को सूची में स्थान मिला।

एमपी की रिच लिस्ट में भी टॉप पर
इस सूची में इंदौर के अलावा मध्य प्रदेश के अन्य उद्योगपति भी शामिल हुए हैं, जिनमें सुधीर अग्रवाल को 98वां स्थान मिला है। हुरून इंडिया की रिच लिस्ट में भी विनोद अग्रवाल पिछले पांच वर्षों से पहला स्थान बनाए हुए हैं। इस वर्ष उन्हें देश में 328वां स्थान मिला। इस सूची में प्रदेश के 13 उद्योगपति शामिल हैं और भविष्य में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है।
ये परोपकारी योजनाएं चला रहे हैं
विनोद अग्रवाल ‘बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन’ के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं, जो उज्जैन में चमेली देवी अग्रवाल अन्नक्षेत्र, इंदौर में मेडिकल सेंटर व योग केंद्र, और सालासर में मांगलिक भवन जैसी बड़ी परोपकारी योजनाएं चला रही है।

समाज की जिम्मेदारी निभाना जरूरी
अग्रवाल का कहना है कि व्यापार में सफलता मिलने पर समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाना जरूरी है। उन्होंने हाल ही में अन्नपूर्णा मंदिर परिसर में भोजनशाला के लिए बड़े किचन का निर्माण किया है, जहां प्रतिदिन 2000 से 3000 लोगों तक भोजन पहुंचाए जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा, उनके फाउंडेशन द्वारा नि:शुल्क योग सेंटर, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में भी काम किया जा रहा है।

2021 से 2025 तक इतना किया दान
2021: 11 करोड़ (66वां स्थान)
2022: 30 करोड़ (34वां स्थान)
2023: 34 करोड़ (31वां स्थान)
2024: 20 करोड़ (58वां स्थान)
2025: 19 करोड़ (71वां स्थान)

हुरून इंडिया फिलैंथ्रापी 2025 में शीर्ष पांच दानदाता
शिव नाडर व परिवार- 2708 करोड़
मुकेश अंबानी व परिवार- 626 करोड़
बजाज परिवार- 446 करोड़
कुमार मंगलम बिड़ला व परिवार- 440 करोड़
गौतम अडानी व परिवार- 386 करोड़
विनोद अग्रवाल ने यह भी कहा कि शहर में ट्रैफिक सुधार में भी नागरिकों का सहयोग जरूरी है। स्वच्छता के क्षेत्र में भी वह सक्रिय हैं।

































