INDORE NEWS. इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए तीन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है। आरोप है कि डॉक्टरों का ये गैंग फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के लिए डॉक्टरी की फर्जी डिग्री, क्लिनिक, आधार कार्ड, रजिस्ट्रेशन और प्रिस्क्रिप्शन पैड बना कर 54 लाख रुपये की ठगी कर गया।

सिर्फ एक आरोपी ही हुआ गिरफ्तार
जांच के दौरान पता चला कि सबकुछ नकली था। पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है, जो एक होटल में मामूली कर्मचारी था।एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि फर्जीवाड़ा बजाज फाइनेंस लिमिटेड के साथ हुआ है। कंपनी के आरसीयू आकाश गौतम ने हरिओम बंसल, भूपेंद्र सिंह और प्रदीप निरंजन के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है।

लगाए थे सारे फर्जी कागज
आरोपितों ने खुद को डॉक्टर बताया और नकली कागजात कंपनी को दिए। इसमें मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल की रेजिस्ट्रेशन, निवास स्थान आदि शामिल थे। हरिओम बंसल ने सुदामा नगर में क्लिनिक खोला और मरीजों को देखने के लिए तस्वीरें भी खिंचवाई। इसके आधार पर उसे 12 लाख 97 हजार रुपये लोन मिला।
भूपेंद्र चौहान ने अंजनी नगर में 31 लाख और प्रदीप कुमार द्विवेदी ने तुलसी नगर में 10 लाख 44 हजार रुपये के लोन लिए। आरोपितों ने नकली किरायेदारी का अनुबंध भी दिया और क्लिनिक के बाहर बोर्ड भी लगवाए।

कंपनी के कुछ कर्मचारी भी घोटाले में शामिल
लोन अप्रूव हो जाने के बाद जब दोबारा जांच के लिए मौके पर कंपनी के कर्मचारी पहुंचे, तो क्लिनिक और डॉक्टर सब गायब मिले। इसके बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पुलिस अब हरिओम बंसल और भूपेंद्र चौहान की तलाश में जुटी है और दावा कर रही है कि इस घोटाले में कंपनी के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं।

संगठित तरीके से कर रहे हैं अपराध
पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि तीनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों की पतासाजी की जा रही है। सभी संगठित तरीके से इस फर्जी दस्तावेजी कारोबार को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत दें ताकि अपराधियों पर कार्रवाई हो सके।

































