BILASPUR NEWS. रेलवे के स्पोर्ट्स सेल में अनुशासन का जिस जगह उदाहरण बनना चाहिए था, वहीं लापरवाही और असंवेदनशीलता की तस्वीरें सामने आई हैं। बिलासपुर के बॉक्सिंग रिंग, जहाँ खिलाड़ी पसीना बहाते हैं, वहाँ जून में शराब और चिकन पार्टी का आयोजन हुआ। वायरल तस्वीरों में खिलाड़ी मैट पर रखी प्लेटें और बीयर की बोतलें दिखीं— जिसके बाद मामला कोर्ट तक पहुंच गया।

अब हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया है। 12 कर्मचारियों पर विभागीय जांच शुरू की गई है, जिनमें स्पोर्ट्स सेल के कोच, क्लर्क, मैनेजर और सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से 7 अधिकारियों को स्पोर्ट्स असाइनमेंट से तत्काल हटाया गया है। रेलवे की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने बताया कि नियम 68 के तहत जांच शुरू हो चुकी है और इसे 100 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

कोर्ट का सख्त रुख
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने कहा—अगर हमने संज्ञान नहीं लिया होता, तो यह मामला दब जाता। जीएम को घटना की जानकारी समय पर क्यों नहीं दी गई?”
कोर्ट ने रेलवे प्रशासन से पूछा कि खिलाड़ियों के प्रशिक्षण स्थल पर इस तरह की गतिविधि कैसे हुई और इसे रोकने की जवाबदेही किसकी है।

जांच के घेरे में 12 नाम
SECR के विभिन्न विभागों में कार्यरत श्रीकांत पहाड़ी, सुभाष कुमार, बी. अनिल कुमार, सुमित कुमार, पी. तुलसी राव, विकास ठाकुर, पूर्णेन्द्र साहू, ओ.पी. यादव, पी. ईश्वर राव, वाई. नागू राव, देवेंद्र यादव और पी.के. तिवारी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित है।

खिलाड़ियों की मेहनत का अपमान
बॉक्सिंग रिंग में जहां रोज खिलाड़ी अपने खेल को निखारते हैं, वहीं शराब पार्टी ने पूरे विभाग की साख पर सवाल खड़ा कर दिया है।
खेल प्रेमियों का कहना है—खेल का मैदान अनुशासन और सम्मान की जगह है, वहां शराब पार्टी करना खेल भावना और खिलाड़ियों दोनों का अपमान है।




































