PATNA NEWS. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने शुक्रवार को छह नए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने साफ किया है कि इस बार एसबीएसपी बिहार में एनडीए से अलग चुनाव मैदान में उतरेगी।
पार्टी ने पहले चरण में 47 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। अब दूसरी सूची में वशिष्ठ पासवान को रामनगर, घुरेलाल राजभर को रामगढ़, रामवाकिल राजवंशी को करकट, रविंद्र राजभर को वजीरगंज, अवधेश मौर्य को पालीगंज और शंभू चौहान को अमौर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
इसलिए लड़ रही है अलग चुनाव
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि एनडीए घटक दल होने के बावजूद पार्टी को बिहार में कोई सीट नहीं दी गई। इसके कारण अब एसबीएसपी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रही है। राजभर ने आरोप लगाया कि बिहार बीजेपी नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को भ्रमित किया और पार्टी की अनदेखी की। राजभर ने कहा कि एसबीएसपी अब बिहार की 153 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।
राज्य में समान हक, सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी का फोकस उन इलाकों पर रहेगा जहां राजभर, राजवांश, राजवार और अन्य अति पिछड़ी जातियों की संख्या ज्यादा है। इस बीच, राज्य में दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया जारी है। कुल 122 सीटों के लिए उम्मीदवार 20 अक्टूबर तक नामांकन करा सकते हैं। राजनीतिक दलों के बीच टिकट वितरण और गठबंधनों के फार्मूलों पर चर्चाएं तेज हैं।
दानापुर में नामांकन से पहले गायब हुआ प्रत्याशी
उधर, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन के अंतिम दिन अखिलेश कुमार उर्फ मुटुर के अचानक लापता हो गए। वह दानापुर से जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी थे। इस घटना के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। पार्टी ने उनके अपहरण की आशंका जताई है। शुक्रवार को उन्हें नामांकन दाखिल करना था, लेकिन वे निर्धारित समय पर नहीं पहुंचे।
पूजा के लिए मंदिर गए, फिर संपर्क टूटा
अखिलेश कुमार शुक्रवार सुबह करीब 10:30 बजे अपने समर्थकों के साथ पटना के राजवंशी नगर स्थित महावीर मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे। वहां से उन्हें सीधे दानापुर के तकियापर स्थित कम्युनिटी हॉल जाना था। पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उनका वहां इंतजार कर रहे थे, लेकिन दोपहर 1:30 बजे तक भी वे नहीं पहुंचे। इसके बाद उनका मोबाइल फोन भी बंद हो गया।
प्रशांत किशोर की रणनीति पर असर
यह घटना उस समय हुई है जब प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी पहली बार बिहार की सभी 243 सीटों पर उतरी है। पार्टी इसे संगठन की साख से जुड़ी बड़ी चुनौती के तौर पर देख रही है। नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी जन सुराज पार्टी से कोई नामांकन नहीं हो सका। इस बीच, स्थानीय पुलिस ने बताया कि अभी तक अपहरण की औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि, घटना की जांच शुरू कर दी गई है।