BHOPAL NEWS. तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को पुलिस फिर से पांच दिन के लिए रिमांड पर ले सकती है। दरअसल, वह जहरीले कफ सीरप ‘कोल्ड्रिफ’ के मामले में पूछे जा रहे किसी भी सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। पहले पुलिस ने उसे 10 दिन के लिए रिमांड पर लिया था।
दस्तावेज भी नहीं दिए
मगर, सीरप के उत्पादन से जुड़े सवालों पर रंगनाथन ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। पुलिस ने उसे कांचीपुरम स्थित प्लांट पर भी ले जाकर पूछताछ की। मगर, वहां भी उसने कोई दस्तावेज नहीं दिए। इस पर उसकी बेशर्मी इतनी है कि बीते दिनों ट्रायल में ले जाने के दौरान पत्रकारों और कैमरामैन को देखकर वह पोज मारने लगा था। उसे बच्चों की मौत पर कोई अफसोस नहीं था।
एसआईटी जुटा रही है सभी साक्ष्य
अब तक एसआईटी ने कंपनी के कई कर्मचारियों से पूछताछ की है और दस्तावेजों की जांच भी की जा रही है। इन जानकारियों के आधार पर रंगनाथन को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है। बता दें कि 20 अक्टूबर को कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
60 दिनों में दाखिल हो सकती है चार्जशीट
चूंकि यह मामला देशव्यापी चर्चा में है, लिहाजा एसआईटी 60 दिन के भीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है। इसके लिए पूरे साक्ष्यों के साथ मजबूत अभियोजन तैयार किया जा रहा है। छोटे-बड़े सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
1900 बोतलें कफ सीरप की बनाई थीं
पुलिस के सामने रंगनाथन ने अपने बयान में कहा कि बैच एसआर-13 की लगभग 1900 बोतलें बनाई गई थीं। उन बोतलों को तमिलनाडु, पुडुचेरी के अलावा मध्य प्रदेश में बेचा गया। मगर, शिकायत सिर्फ मध्य प्रदेश से आई है। उसने यह नहीं बताया कि कफ सीरप में जानलेवा डायथिलीन ग्लाइकॉल कैसे मिला, जिसकी मात्रा 48.6 प्रतिशत थी।
टीमों में बांटा गया काम
एसआईटी ने मामले की जांच के लिए काम बांट दिया है। एक टीम तमिलनाडु के औषधि प्रशासन विभाग से जरूरी दस्तावेज जुटा रही है। इसमें ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। यही टीम प्लांट से भी दस्तावेज और अन्य साक्ष्य इकट्ठा कर रही है।
अब तक रंगनाथन और कंपनी के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ पूरी कर ली गई है। एसआईटी कंपनी द्वारा ड्रग लाइसेंस के नियमों की अनदेखी, गुणवत्ता जांच में लापरवाही और निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी के साक्ष्य जुटा रही है।