KHANDWA NEWS. तेलंगाना की एक नाबालिग छात्रा इंटरनेट मीडिया पर धार्मिक प्रवचनों से प्रभावित होकर साध्वी बनने के लिए घर से निकल गई। उसने जाने से पहले अपने शहर के शिव मंदिर में भगवान शिव से प्रतीकात्मक विवाह किया। इसके बाद वह भगवा वस्त्र धारण कर काशी के लिए निकल पड़ी।
ट्रेन में मिली, यात्रियों ने दी सूचना
छात्रा हैदराबाद-जयपुर एक्सप्रेस में बैठ गई थी। जब ट्रेन मध्य प्रदेश के खंडवा स्टेशन के पास पहुंची, तो सहयात्रियों ने उसे भगवा वेश में अकेले यात्रा करते देखा। पूछने पर उसने मासूमियत से बताया, “काशी जा रही हूं, साध्वी बनने।” संदिग्ध स्थिति देख यात्रियों ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को सूचना दी।
बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश
RPF के जवानों ने छात्रा को समझाया कि वह गलत ट्रेन में सवार हो गई है और खंडवा स्टेशन पर उतार लिया। बाद में उसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। छात्रा ने बताया कि इंटरनेट पर प्रवचनों को देखकर वह साध्वी बनने के लिए प्रेरित हुई है। इसी वजह से अपना घर छोड़कर काशी जा रही है।
समिति ने की काउंसलिंग
समिति के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा (न्यायिक मजिस्ट्रेट समकक्ष खंडपीठ) और सदस्य मोहन मालवीय, रुचि पाटिल, कविता पटेल तथा स्वप्निल जैन की मौजूदगी में छात्रा की काउंसलिंग की गई। बातचीत में उसने बताया कि वह इंटरनेट पर प्रवचन सुनकर आध्यात्मिक मार्ग अपनाना चाहती है और भगवान शिव को अपना जीवनसाथी मान चुकी है।
शिक्षा जारी रखने का लिया संकल्प
अध्यक्ष शर्मा ने उसे समझाया कि सच्ची आध्यात्मिकता का अर्थ पलायन नहीं, बल्कि शिक्षा, सेवा और समाज में सकारात्मकता फैलाना है। साध्वी बने बिना भी भक्ति और अध्यात्म को अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई पूरी करके अगर वह कथा वाचक बनना चाहती है, तो समाज को प्रेरित करने का यह सही तरीका होगा।
बालिका ने समिति की बात मान ली और शिक्षा जारी रखने का वचन दिया। समिति ने परिजनों को बुलाकर बालिका को उनके सुपुर्द कर दिया।