LUCKNOW NEWS. उत्तर प्रदेश की सियासत में बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर पूरी तरह एक्टिव मोड में आ गई हैं। लखनऊ में उन्होंने लगातार दो रविवार से बड़ी बैठकें की हैं। इनमें पार्टी संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की गई। इन बैठकों में उनके भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद, उनके पिता आनंद कुमार और वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे।
आकाश को भी दें मेरा जैसा साथ- मायावती
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती ने पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए संगठन की एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे आपने वर्षों तक मेरा साथ दिया है, वैसे ही अब मेरे भतीजे आकाश आनंद का भी पूरा सहयोग करें। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह बयान पार्टी में आकाश आनंद को उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित करने का संकेत दे रहा है।
आकाश आनंद ने छुए मायावती के पैर
बैठक के दौरान जब मायावती मंच पर पहुंचती हैं, तब आकाश आनंद ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। यह आयोजन बसपा के हालिया पुनर्गठन प्रयासों में तीसरा बड़ा कार्यक्रम माना जा रहा है। पार्टी की यह सक्रियता 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर हुए शक्ति प्रदर्शन से शुरू हुई थी।
पार्टी में नई ऊर्जा भर रही यह जोड़ी
उसके बाद मायावती ने 16 अक्टूबर को यूपी और उत्तराखंड के करीब 500 नेताओं की बैठक बुलाई थी। अब 19 अक्टूबर की राष्ट्रीय समीक्षा बैठक में देशभर के प्रतिनिधियों से रिपोर्ट लेकर आगे की रणनीति तय की जा रही है। मायावती और आकाश आनंद की नेतृत्व जोड़ी अब बसपा में नई ऊर्जा भर रही है।
2027 चुनावों की तैयारी और संगठन की नई दिशा
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मायावती अब 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए संगठन को नए सिरे से तैयार कर रही हैं। उन्होंने राज्य इकाइयों को छह सेक्टरों में विभाजित कर जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर बसपा की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाएं।
पार्टी सुप्रीमो मायावती का फोकस अब एकजुटता, अनुशासन और आक्रामक जनसंपर्क पर है। पार्टी का यह पुनर्गठन अभियान यूपी ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी सियासी जमीन दोबारा मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है।