मोहित जाटवर
MUNGELI NEWS. मुंगेली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अवैध शराब के बाद नकली शराब का बड़ा खुलासा हुआ है। पथरिया ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में पहले शराब का गोदाम पकड़ा गया। अब इसी ब्लॉक के सरगांव थाना क्षेत्र के बावली गांव के एक घर से शराब फैक्ट्री में काम आने वाला पैकिंग का सामान मिला है। घर में शराब की बोतलों के ढक्कर, होलोग्राम, रैपर आदि सामान मिला है। यह सामान एक नेता के रिश्तेदार द्वारा एक गरीब के घर में रखवाया गया था।
MUNGELI NEWS. मुंगेली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अवैध शराब के बाद नकली शराब का बड़ा खुलासा हुआ है। पथरिया ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में पहले शराब का गोदाम पकड़ा गया। अब इसी ब्लॉक के सरगांव थाना क्षेत्र के बावली गांव के एक घर से शराब फैक्ट्री में काम आने वाला पैकिंग का सामान मिला है। घर में शराब की बोतलों के ढक्कर, होलोग्राम, रैपर आदि सामान मिला है। यह सामान एक नेता के रिश्तेदार द्वारा एक गरीब के घर में रखवाया गया था।

मुंगेली के सरगांव थाना क्षेत्र के बावली गांव में रहने वाले भानमती कौशल के घर आज आबकारी विभाग की टीम पहुंची। टीम में बिलासपुर उड़न दस्ता, पथरिया आबकारी उप निरीक्षक भी शामिल थीं। जांच में भानमती के घर से वो सब सामान मिला जो किसी शराब फैक्ट्री में शराब की पैकिंग में इस्तेमाल किया जाता है। टीम ने शराब की बोतलों के ढक्कन, होलोग्राम बार कोड, गोंद, हाइड्रोमीटर, एक ड्रम और अन्य सामान बरामद किया। आंशका है कि नकली शराब बनाकर उसे पैक करके बेचा जा रहा है।

पूछताछ में भानमती कौशल ने बताया कि यह सामान केसर कौशिक द्वारा रखवाया गया था। जिसने यह सामान रखवाया वह नेताजी बताए जा रहे हैं। इससे पहले इसी गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला से मध्य प्रदेश निर्मित शराब बड़ी मात्रा में बरामद की गई थी। यानी सरकारी स्कूल में ही अवैध शराब का गोदाम बना दिया गया था। यहां से 10 पेटी गोवा शराब बरामद हुई थी। इसके अलावा एक केन स्परिट भी मिली थी।

होलोग्राम, ढक्कन, रैपर कहां से आए
जो सामान बरामद हुआ है, उससे लग रहा है कि ब्रांडेड शराब की पैकिंग का जुगाड़ करके नकली शराब खपाई जा रही है। इससे कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि होलोग्राम, ढक्कन, रैपर आदि का इंतजाम हो कहां से रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश की दारू छत्तीसगढ़ कैसे छत्तीसगढ़ में आ रही है।

मध्य प्रदेश की दारु लाने का ठेका किसने लिया
गांव की गली हो या शहर का चौराहा, घनी बस्ती हो या घनघोर जंगल नशा ऐसी चीज है जो अब हर घर-हर दरवाजे तक दस्तक दे चुका है। घर-घर में नशा पैर पसार रहा है।
