RAIPUR NEWS. भाजपा की डबल इंजन सरकार के मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने के दावे के बीच आज छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक 210 नक्सलियों ने 158 हथियारों के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष सरेंडर किया। भाजपा इसे बस्तर का लाल आतंक से मुक्ति की तरफ कदम बढ़ाना कह रही है। तो वहीं कांग्रेस इस पर सवाल खड़ा करते हुए सरेंडर करने वाले नक्सलियों का पूरा प्रोफ़ाइल जारी करने की मांग कर रही है ।

आज छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा ही ऐतिहासिक दिन है। आज के दिन जगदलपुर में कई इनामी नक्सलियों सहित 210 नक्सलियों ने 158 हथियारों के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष सरेंडर किया । दो दिन पहले भी 100 के अधिक नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया था। इस पर डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 158 हथियार के साथ 210 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जल्द ही और भी नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बस्तर के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, बस्तर ने लाल आतंक से मुक्ति की तरफ कदम बढ़ाया है । नक्सलियों ने पुनर्वास का फैसला किया है जो बस्तर के हित में है । नक्सलियों ने समाज के सामने आत्मसर्पण किया है । विजय शर्मा ने एक बार दोहराया कि नियत समय में नक्सल समस्या का समाधान होगा।

इधर PCC चीफ दीपक बैज ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने आज फिर से समर्पण इवेंट किया है । कांग्रेस के नीतियों की वजह से आज नक्सली समर्पण कर रहे हैं । हमारी सरकार ने इसके लिए माहौल तैयार किया था । हमने गांव गांव तक विकास पहुंचाया, सड़क बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की स्कूल खुलवाए, कई मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई ये उसका परिणाम है।

बैज ने पूछा कि सरकार ने ऐसा क्या काम किया है कि नक्सली इतनी बड़ी संख्या में समर्पण कर रहे हैं । हम समर्पण करने वाले नक्सलियों का रिकॉर्ड मांग रहे हैं जो सरकार नहीं दे पा रही हैं । बैज ने सरकार से सवाल कि क्या सभी असल में नक्सली है ? दो हजार से अधिक नक्सलियों के समर्पण की बात सरकार कर रही है । क्या ये पूरे 2000 नक्सली असली है ? इन नक्सलियों का प्रोफाइल है क्या ? इसे सार्वजिक करना चाहिए ।
वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि शांति के लिए किए जा रहे प्रयास का कोई विरोध नहीं है। मगर आत्मसर्पण सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित न रहें बल्कि लोगों को लगे कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम हुई । उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब से नक्सल उन्मूलन गतिविधियां बढ़ी तब से आदिवासी वर्ग के लोग जंगल नहीं जा पा रहे ।

लाखों के इनामी नक्सली सहित सैकड़ों नक्सलियों का हथियारों के साथ समर्पण करना एक बड़ी ऐतिहासिक सफलता है और ये निश्चित रूप से नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ की ओर एक बड़ा कदम है । जहां एक ओर इसकी सर्वत्र तारीफ हो रही वहीं विपक्षी दल कांग्रेस के नेता इसमें मीन मेख निकालकर अपना धर्म निभा रहे हैं।