PATNA NEWS. बिहार में विधानसभा चुनाव अगले महीन यानी नवंबर में होने वाले हैं। इस बीच, सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों की लगभग सूची जारी कर दी है। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग चुनाव की सख्ती भी शुरू कर दी है। आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी के अधिकतम खर्च की सीमा लगभग 40 लाख रुपए तय की है। राज्य में इस चुनाव में कुल 2616 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। चुनाव मैदान में उतरने वाले इन उम्मीदवारों के लिए 40 लाख का आंकड़ा कागजों तक सीमित न रह जाये, इसको लेकर सख्ती बरती जा रही है।

वहीं, चुनाव में रैली से लेकर रोड शो, कार्यकर्ताओं का खर्च, सोशल मीडिया प्रचार और वोटर तक पहुंचने की हर कोशिश में लाखों रुपए बहाये जाते हैं। कई बार ये रकम कैश फॉर वोट के रूप में सीधे मतदाताओं तक पहुंचती है। यही कारण है कि इस बार आयोग ने न केवल चेतावनी दी है बल्कि तकनीकी और मानवीय निगरानी दोनों को मजबूत किया है। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी खर्च पर निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर की नियुक्ति कर दी है।

इसके साथ ही खर्च का सही हिसाब नहीं देने पर तीन साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध आयोग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि कोई भी उम्मीदवार अपने खर्च का सटीक और वैध हिसाब नहीं देगा तो उस पर तीन साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध (बैन) लगाया जा सकता है। आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, हर प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करने के बाद से लेकर परिणाम आने तक के बीच किये गये प्रत्येक खर्च का ब्योरा रखना अनिवार्य होगा।

आयोग के मुताबिक चुनाव में व्यय की जानकारी सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विधानसभा में स्टैटिक सर्विलांस टीम, वीडियो सर्विलांस टीम, वीडियो व्यूइंग टीम एवं फ्लाइंग स्क्वाड तैनात हैं, जो सभी चुनावी गतिविधियों पर निगरानी रख रहे हैं। यदि किसी अभ्यर्थी को किसी प्रकार की शंका या समस्या हो, तो वह व्यय एवं अनुश्रवण कोषांग से संपर्क कर सकते हैं। अवैधानिक खर्च (शराब, रिश्वत आदि) की सूचना देने की सुविधा भी उपलब्ध है।

आदर्श आचार संहिता के पालन पर जोर देते हुए सभी अभ्यर्थियों एवं अभिकर्ता को निर्देश दिया कि किसी भी जाति, धर्म या समुदाय पर टिप्पणी न की जाए। मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा जैसे पूजा स्थल का प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग न किया जाए। इसके अलावा आदर्श आचार संहिता की गरिमा बनाए रखने को अन्य आवश्यक निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।




































