RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में जमीनों की रजिस्ट्री का सिस्टम बदलने जा रहा है। मकान, दुकान या जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए अब आपको सरकारी रजिस्ट्री ऑफिस की गंदगी और भीड़भाड़ से दो चार नहीं होना पड़ेगा।बल्कि पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर बने किसी कॉरपोरेट ऑफिस में 12 से 15 मिनट के भीतर रजिस्ट्री करा सकेंगे।

मिली जानकारी के अनुसार पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर ही सारी जानकारी ऑनलाइन भर कर अप्वाइटमेंट लीजिए। बाकायदा टाइम स्लॉट में आपको नए स्मार्ट रजिस्ट्री ऑफिस जाना होगा। यहां 10 से 15 मिनट में नया सिस्टम आज से शुरू भी हो गया है। नवा रायपुर में बने ऐसे पहले स्मार्ट रजिस्ट्री ऑफिस की आज से शुरूआत भी हो गई है। ऐसे 10 और स्मार्ट रजिस्ट्री ऑफिस पूरे पूर्देश में खुलेंगे।

इस बारे में विभागीय मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि नई पहल रजिस्ट्री कराने के एक्सपीरियंस को पूरी तरह बदल देगा। इसमें कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहींदेना होगा। नए भवन में सिर्फ साइन करने वाले अधिकारी ही सरकारी होंगे, बाकी सारे स्टाफ निजी क्षेत्र के होंगे। पूरा ऑफिस पीपीपी मॉडल पर संचालित होगा।

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने नई भू-राजस्व संहिता संशोधन 2025 लागू किया है, जिसके तहत पांच डिसमिल (लगभग 2200 वर्गफीट) से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री अब नहीं हो सकेगी। इस कदम से अवैध कॉलोनी निर्माण और भूमाफियाओं पर नियंत्रण होगा। अब पांच डिसमिल (लगभग 2200 वर्गफीट) से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। विधानसभा में पारित छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2025 को राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है और इसके साथ ही यह कानून प्रदेशभर में लागू हो गया है।

नए नियम के अनुसार कृषि भूमि का ऐसा कोई उपखंड (सब-डिवीजन) नहीं बनाया जा सकेगा, जिसका क्षेत्रफल 0.05 हेक्टेयर (5 डिसमिल) से कम हो। सरकार का मानना है कि इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग और कॉलोनियों पर प्रभावी रोक लगेगी।

पूर्व में डॉ. रमन सिंह सरकार ने भी ऐसा ही नियम लागू किया था, लेकिन बाद में भूपेश बघेल सरकार ने संशोधन कर छूट दे दी थी। इसके बाद कृषि भूमि के छोटे-छोटे हिस्सों में कटाई कर अवैध कॉलोनियां बसाने के मामले बढ़ गए थे। नए संशोधन के बाद 2200 वर्गफीट से कम के प्लॉट की रजिस्ट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। इससे किसानों और खरीदारों दोनों के लिए स्पष्टता आएगी और भूमाफियाओं पर भी अंकुश लगेगा।

यह नियम केवल ग्रामीण कृषि भूमि पर लागू होगा। शहरी क्षेत्रों में डायवर्टेड भूमि पर व्यावसायिक और आवासीय उपयोग के लिए पांच डिसमिल से कम के प्लॉट की रजिस्ट्री पहले की तरह जारी रहेगी। संशोधन अधिनियम में एक और बड़ा बदलाव किया गया है। अब किसी भी ग्राम का सर्वे या री-सर्वे होने के बाद केवल अधिसूचित जियो-रेफरेंस नक्शे ही मान्य होंगे। इसे भू-राजस्व संहिता की धारा 107 की उपधारा (5) के रूप में जोड़ा गया है।