BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद एक बार फिर से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दरअसल, राज्य में 14वें मंत्री की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुरेन्द्र वर्मा ने खुलकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि संविधान में मंत्रियों की संख्या को लेकर स्पष्ट प्रावधान है और निर्धारित सीमा से अधिक मंत्री बनाए जाना असंवैधानिक है।
इसी मुद्दे को लेकर अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दूसरी याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि जब राज्य की जनसंख्या के आधार पर मंत्री पदों की संख्या 13 तय की गई है, तो अतिरिक्त मंत्री बनाना नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कोर्ट से इस नियुक्ति को निरस्त करने की मांग की है।
विवाद केवल कांग्रेस तक सीमित नहीं रहा है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। बीजेपी नेताओं ने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कोर्ट ने तय सीमा से अधिक मंत्री बनाए जाने पर रोक लगाई थी। इसलिए छत्तीसगढ़ में भी वही नियम लागू होना चाहिए। भाजपा का आरोप है कि सरकार संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर राजनीतिक संतुलन साधने में लगी है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। एक तरफ पार्टी के भीतर ही विरोध के स्वर उठ रहे हैं, दूसरी ओर विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाकर जनता के बीच ले जा रहा है। अब सबकी निगाहें हाईकोर्ट पर टिकी हैं, जहां इस विवाद पर सुनवाई होने वाली है।
कुल मिलाकर, 14वें मंत्री की नियुक्ति ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है और आने वाले दिनों में इसका असर सरकार की छवि और स्थिरता पर पड़ सकता है।