AMBIKAPUR NEWS. सरगुज़ा में राम और रामगढ़ पहाड़ी को लेकर राजनीति जारी है। पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने रामगढ़ की पहाड़ी पर कोयला खदान से खतरा बताया। जिसके बाद भाजपा ने अध्ययन कमेटी का गठन किया। जिसने न सिर्फ कांग्रेस के आरोपों खारिज किया, बल्कि रामगढ़ की पहाड़ी को कोयला खदान से किसी तरह का खतरा न बताते हुए कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। तो अब कांग्रेस की जांच टीम ने रामगढ़ की पहाड़ी का दौरा कर कोयला खदान से रामगढ़ की पहाड़ी को खतरा बताया है।
जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का दल आज रामगढ़ पर्वत पर मंडरा रहे खतरे की जांच के लिये पहुंचा। जांच दल ने रामगढ़ पहाड़ी में पड़ी दरारों के विषय में जानकारी के लिये पर्वत पर मौजूद मंदिर के बैगा और स्थानीय निवासियों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जानकारी दी कि खदान में ब्लास्टिंग के कारण पूरा पहाड़ खतरनाक रूप से कंपन करता है।
यह जानकारी मिली कि ब्लास्टिंग के कारण पहाड़ की चट्टानों में चारों ओर दरार पैदा हो गई है। मंदिर जाने के रास्ते में सीढ़ियों पर लाल माटी और सिंहद्वार पर चट्टानों में पड़ी दरारें बेहद खतरनाक स्थिति में हैं। स्थानीय निवासियों ने जानकारी दी है कि ब्लास्टिंग के कारण विगत वर्षों में सीढ़ियों की ये दरारें निरंतर चौड़ी होते जा रही हैं। अगर भविष्य में यहाँ ब्लास्टिंग जारी रही तो मंदिर तक पहुंचने वाली सीढ़ियों के चट्टानों में लैंडस्लाइड होने की पूरी संभावना है।
ऐसी स्थिति में रामगढ़ पर्वत पर स्थित पवित्र राममंदिर जो सरगुजा जिले में धार्मिक आस्था का केंद्र है, तक पहुँचना नामुमकिन हो जायेगा। जांच दल इस निष्कर्ष पर पहुँचा है कि इस क्षेत्र में मौजूदा खदानों की गतिविधियों और नई खदान के खुलने से रामगढ़ पर्वत का अस्तित्व समाप्त होना तय है। ऐसे में कांग्रेस ने भाजपा के अध्ययन टीम पर सवाल खड़े करते हुए रामगढ़ की पहाड़ी को कोयला खदान से खतरा बताया है।