RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को फर्स्ट सप्लीमेंट्री चालान कोर्ट में पेश किया। यह चालान लगभग 2,000 पन्नों का है, जिसमें घोटाले से जुड़े कई नए तथ्य और आरोपियों की भूमिका का विस्तार से जिक्र किया गया है।

CBI ने अपनी रिपोर्ट में आरती वासनिक, जनक राम ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आडील को आरोपी बनाया है। इन सभी पर भर्ती प्रक्रिया में धांधली करने और गलत तरीके से चयन कराने के गंभीर आरोप हैं।

चालान में बताया गया है कि किस तरह पूरी साजिश को अंजाम दिया गया और किसकी क्या भूमिका रही। इस घोटाले का मास्टरमाइंड टामन सिंह सोनवानी को बताया गया है। CBI ने अपने दस्तावेजों और सबूतों में यह साफ किया है कि सोनवानी ने पूरी गड़बड़ी की योजना बनाई और अन्य आरोपियों की मदद से उसे लागू किया।

वर्तमान में सभी आरोपी न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं। CBI ने यह सप्लीमेंट्री चालान अपनी स्पेशल कोर्ट में पेश किया है।

इससे पहले भी CBI ने इस मामले में प्राइमरी चालान दाखिल किया था, जिसमें परीक्षा और चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और हेरफेर की बात सामने आई थी। नए चालान में उन गवाहों और सबूतों का भी जिक्र किया गया है जो जांच के दौरान सामने आए।

कहा जा रहा है कि आगे और भी सप्लीमेंट्री चालान पेश हो सकते हैं क्योंकि CBI कई एंगल से मामले की जांच जारी रखे हुए है।

CGPSC घोटाला मामले में अगली सुनवाई अब CBI की स्पेशल कोर्ट में होगी, जहां इन आरोपियों पर तय होगा कि मुकदमे की सुनवाई किस तरह आगे बढ़ेगी।