BHILAI NEWS. छत्तीसगढ़ के फार्मेसी स्टूडेंट्स को अब जल्द ही रिसर्च के लिए शानदार हाईटेक प्रयोगशाला मिलेगी। शोध कार्य में तेजी लाने लाखों रुपए की फंडिंग भी दी जाएगी। फार्मेसी के नए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने अब मध्यप्रदेश या तेलंगाना जैसे राज्यों का रुख भी नहीं करना होगा क्योंकि भारत सरकार ने रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस को साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च आर्गनाइजेशन (सीरो) के रूप में मान्यता दे दी है। छत्तीसगढ़ में रूंगटा आर-1 संभवत: पहला संस्थान बन गया है, जो अब तमाम कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए फार्मेसी के क्षेत्र में मेंटर का काम करेगा। इसके साथ केमिस्ट्री और इंडस्ट्रियल फार्मेसी की छत्तीसगढ़ में शुरुआत होगी।
जानकारी के अनुसार चारों तरफ खदानों से घिरे छत्तीसगढ़ में जल्द ही फार्मेसी के स्टार्टअप्स की शुरुआत होने वाली है। सीरो मान्यता के जरिए फार्मेसी के स्टूडेंट्स, रिसर्च स्कॉलर्स और औद्योगिक इकाईयां स्मॉल और मीडियम स्तर पर फार्मेसी स्टार्टअप के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगी। मान्यता मिलने के साथ ही दो नए फार्मेसी बेस्ड स्टार्टअप की शुरुआत होने जा रही है। इस दिशा में रुंगटा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मुकेश शर्मा ने नेचुरल मॉस्किटो रिप्लेंट का इजाद किया है। जिस तरह अभी बिजली से चलने वाले रिप्लेंट में रसायन का उपयोग होता है। नई रिसर्च में फसल से निकले खरपतवार का उपयोग कर नेचुरल रिप्लेट तैयार किया गया है।
एंटी कैंसर ड्रग पर होगी रिसर्च
सीरो की मान्यता के बाद रूंगटा फार्मेसी में एंटी कैंसर ड्रग्स पर रिसर्च शुरू होगी। कैंसर से पीड़ित व्यक्ति के खून में दवाइयों से होने वाले प्रभाव को जानने फंड केंद्र से मिलेगा। रुंगटा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरएंडडी डॉ. एजाजुद्दीन ने बताया कि कैंसर के दौरान पीड़ित के खून में हीमोग्लोबिन, वाइट और सेल ब्लड सेल की मात्रा कम हो जाती है। इसी तरह बोनमौरो में कमी आने लगती है। इस रिचर्स के दौरान एंटी कैंसर ड्रग के प्रभाव से मरीज को राहत देने नई तरह की मेडिसीन खोजी जाएगी। इसकी शुरुआत हो चुकी है। हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल्स में रिसर्च को पब्लिश किया गया है।
इससे छात्रों को होगा फायदा
प्रदेश में फार्मास्युटिकल पार्क बनेगा। इसके लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने सेक्टर 22 ग्राम तूता में 141.84 एकड़ भूमि दी है। सरकार ने इसे मंजूर कर दिया है। इससे छत्तीसगढ़ में विश्व स्तरीय चिकित्सा सेवाएं आम लोगों को सहजता से सुलभ हो, इस सोच के साथ राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में प्रभावी इको सिस्टम तैयार करने की लगातार पहल की जा रही है। इस कड़ी में सिरो संस्थान के फार्मेसी छात्रों को भी बड़ा फायदा मिलेगा। फार्मेसी इंडस्ट्री में उनको रोजगार के लिए प्राथमिकता मिलेगी।