RAIPUR NEWS. प्रदेश भर में स्वास्थ्य मितानिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। प्रदेश की सभी जिला मुख्यालयों में स्वास्थ्य मितानिनों का प्रदर्शन देखा गया। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की गई तो कई जगहो पर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया।
अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मितानिनों ने आज बिलासपुर में रैली निकालकर बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान स्वास्थ्य मितानिनों ने नेहरू चौक के पास सड़क को जाम कर दिया। स्वास्थ्य मितानिनों ने आगे जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें सरकार के सामने रखी। प्रदर्शनकारी स्वास्थ्य मितानिनों ने बताया कि, सरकार ने सत्ता में आने से पहले मोदी की गारंटी के तहत मितानिन और मितानिन कर्मियों के सम्बन्ध में घोषणा पत्र के माध्यम से कई वायदे किए थे। जिसमें केंद्र सरकार से मितानिन (आशा) कर्मचारियों को एनएचएम के अंतर्गत स्थाई रूप से लिए जाने, मितानिनों के मासिक मानदेय में 50% तक वृद्धि करने, ठेका प्रथा बंद करने जैसे वायदे शामिल थे। लेकिन सरकार सत्ता में आने के बाद अपने वायदों, मोदी के गारंटी को भूल गई है। मितानिनों ने बताया कि, इसके अलावा मितानिन कार्यक्रम का संचालन पुनः NGO को देने का भी संघ विरोध कर रहा है। मितानिन संघ ने मांग पूरी नहीं होने तक आगे आंदोलन की चेतावनी दी है।
जगदलपुर में मितानिनों ने किया प्रदर्शन
दो सूत्रीय मांग को लेकर मितानिनों ने जगदलपुर में भी मंगलवार को प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ के बैनर तले जिले की मितानिनों ने काम बंद कर प्रदर्शन किया। मितानिनों ने शहर में रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची। यहां प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर सरकार से मांगो को पूरा करने की मांग की। बता दें कि मितानिनों की मुख्य मांगों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)में संविलियन और नियमितिकरण शामिल हैं। मितानिनों की हड़ताल के चलते जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। पहले ही NHM कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। जिसके चलते जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं।
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ का प्रदर्शन
इधर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ एवं प्रशिक्षक कल्याण संघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है। संगठन ने कहा है कि मितानिन एवं मितानिन कर्मचारियों से जुड़े वादों को पूरा करने में सरकार विफल रही है। साथ ही मितानिन कार्यक्रम का संचालन पुनः NGO को दिए जाने का कड़ा विरोध किया गया है।
मितानिनों के द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों के अनुसार मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्थ डेस्क फैसिलिटेटर एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर की समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है। इसे लेकर 07 अगस्त 2025 से प्रदेशभर में मितानिन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं धरना-प्रदर्शन कर रहें हैं। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शासन उनकी मांगों को एक सप्ताह के भीतर पूरा नहीं करता तो प्रदेश स्तर पर मितानिनों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री निवास का घेराव और चक्का जाम शामिल होगा। इस आंदोलन में प्रदेश की करीब 72,000 मितानिनें हिस्सा लेंगी।
बलोद में भी प्रदर्शन
बालोद जिले भर के मितानिनों ने अपनी मांगों को लेकर झमाझम बारिश के बीच कलेक्टर कार्यलय के गेट पर प्रदर्शन किया। कलेक्टर से मिलने की जिद में सैकड़ों मितानिन लगभग दो घंटे तक बारिश में खड़े रही। आखिरकार प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। बालोद जिले के दो हजार 300 मितानिनों ने मासिक मानदेय में 50 प्रतिशत वृद्धि सहित मितानिन कार्यक्रम का संचालन पुनः NGO को देने का विरोध किया। मंगलवार को मितानिनों ने कलेक्ट्रेट घेराव किया और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। मितानिनों ने करीब दो घँटे तक बारिश के बीच प्रदर्शन करते रहें हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा समझाइश के बाद प्रदर्शन बंद किया गया।