RAIPUR NEWS. रायपुर कृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी के दिन जब पुलिस अधिकारी आराम के मूड में थे, तब पुलिस मुखिया (डीजीपी) अरुण देव गौतम के एक संदेश ने सबकी नींद उड़ा दी। सुबह-सुबह सभी रेंज के आइजी को पुलिस मुख्यालय से निर्देश मिले कि दोपहर 12 बजे वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए – डीजीपी बैठक लेगे। हालांकि यह बैठक पहले से तय नहीं थी, लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ रही चाकूबाजी की घटनाओं को देखते हुए इसे जरूरी समझा गया।
पुराना PHQ के इंटेलिजेंस विंग के दोपहर 12 बजे से शुरू हुई यह बैठक – करीब तीन घंटे चली… बैठक में एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार भी मौजूद रहे डीजीपी ने सभी रेंज आईजी से कहा किं चाकूबाजी पर तत्काल प्रभावी नियंत्रण जरूरी है।उन्होंने सुझाव भी मांगे और अधिकारियों से स्पष्ट निर्देशों के साथ कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा। प्रदेश में चाकूबाजी की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। रायपुर और बिलासपुर रेंज सबसे ज्यादा की प्रभावित है, जहां सात महीने में 120 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें सात महीने में 122 लोग घायल हुए हैं।
किराना दुकानों, जनरल स्टोर और आनलाइन प्लेटफार्म से आसानी से चाकू खरीदे जा रहे हैं। इस मामले में हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए डीजीपी, बिलासपुर एसपी, रेंज आइजी, गृह सचिव और मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया है।जिसकी अगली सुनवाई 25 अगस्त को होनी है। बैठक में डीजीपी और एडीजी ने पुलिस की सार्वजनिक उपस्थिति बढ़ाने, बिना परमिट वाहन और नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
साथ ही, यह भी कहा गया कि जिले के DSP स्तर के अधिकारी भी फील्ड में निकलें और जनता के बीच पुलिस की मजबूत मौजूदगी सुनिश्चित करें। क्राइम का ग्राफ कम करने पर आइजी साहबों से विचार विमर्श भी किया और उनसे मशवरा भी लिया।चाकूबाजी पर रोक किस तरह लगाई जा सकती है, इस पर भी चर्चा भी की। छुट्टी के दिन यह बैठक पुलिस की गंभीरता और सक्रियता का संकेत मानी जा रही है।
फिलहाल अब इस बैठक का मैदानी इलाको में तैनात पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों पर कितना पड़ता है वो अगले कुछ महीने का आने वाला क्राइम ग्राफ से जाहिर हो जायेगा।