AMBIKAPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। गजराज का अलग-अलग दल सरगुजा में एक तरफ जहां भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों की ओर रुख करते हुए बेखौफ होकर घूम रहा है। तो वहीं दूसरी ओर गजराज का सामना अगर इंसानों से हो रहा है, तो गजराज का दल आक्रामक होकर खूनी तांडव मचाते हुए इंसानों की जान ले रहा है।
आपको बता दें कि सरगुजा जिले में हाथियों के उत्पात से आज ही लुण्ड्रा रेंज में पिता-पुत्री यानी 02 और सीतापुर रेंज में खेत में काम करने गए 01 ग्रामीण की मौत हुई है। यानी जिले के सीतापुर और लुण्ड्रा को मिलाकर कुल 03 लोगों की दर्दनाक मौत गजराज के उत्पात के कारण हुई है। वहीं गजराज के हमले से मौत के कुल आंकड़े निकाले तो महज 02 दिनों के भीतर सरगुजा में कुल 04 लोगों की जान गजराज के हमले से गई है। हाथियों के खूनी तांडव मचाने के बीच दहशत के माहौल में ग्रामीण नजर आ रहें हैं।
वहीं आज सीतापुर रेंज के ग्राम देवगढ़ में हाथी के हमलें से हुई ग्रामीण मोहरलाल की मौत की खबर मिलने के बाद घटनास्थल पहुंचकर पूर्व खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने हाथी पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। वहीं दूसरी ओर सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने हाथी पीड़ित परिवार से वीडियो कॉल पर बात करते हुए पीड़ित परिवार को शासन-प्रशासन की ओर से हर संभव मदद दिए जाने की बात कही है।
इधर सरगुजा डीएफओ अभिषेक जोगावत ने भी लुण्ड्रा रेंज के हाथी पीड़ित परिवार और सीतापुर रेंज के ग्राम देवगढ़ के हाथी पीड़ित परिवार को वन विभाग की ओर से मुआवजा के रूप में तात्कालिक आर्थिक सहायता के रूप में ₹25-₹25 हजार की राशि पीड़ित परिवार को दी है और बाद में जनहानि होने के कारण ₹5 लाख 75 हजार रूपये हाथी पीड़ित परिवार को दिए जाने की बात कही है।
इधर सरगुजा डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि लुण्ड्रा और सीतापुर रेंज में आक्रामक हुए हाथियों की निगरानी की जा रहीं है ताकि मौत का आंकड़ा और न बढ़े और हाथी प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को हाथियों के बस्तियों में पहुंचने से पहले अलर्ट किया जा सके। इसके लिए वन विभाग के मैदानी अमले को हाथियों के दल की निगरानी में जुटे रहने का निर्देश दिया है।
वहीं पूरे मामले में सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने बताया कि वन विभाग का अमला हाथियों के दल की निगरानी में जुटा है। ताकि ग्रामीणों को अलर्ट किया जा सकें।
इधर पूर्व खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि वन विभाग का अमला हाथियों की निगरानी करने में सक्रिय नजर नहीं आ रहीं है, जिससे ग्रामीणों को सही समय पर अलर्ट नहीं किया जा रहा है जिससे हाथियों का दल रिहायशी इलाकों में घुसकर ग्रामीणों को मौत के घाट उतार रहा है। वहीं पूर्व खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि शासन-प्रशासन को हाथियों के उत्पात को कम करने के लिए जल्द ही बेहतर प्लान तैयार करना चाहिए जिससे हाथी और मानव के बीच का द्वंद रोका जा सकें।





































