KAWARDHA NEWS. कबीरधाम जिले के सरदार वल्लभ भाई पटेल शक्कर कारखाना पंडरिया एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला 250 से अधिक श्रमिकों की नौकरी से अचानक हटाए जाने को लेकर गरमा गया है। नाराज श्रमिकों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर प्रशासन और मिल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है।
प्रदर्शनकारी श्रमिकों का कहना है कि उन्हें हर वर्ष गन्ना पेराई सीजन के दौरान ठेके पर काम दिया जाता था। लेकिन इस बार प्रबंधन ने पुराने अनुभवी श्रमिकों को हटा दिया और उनकी जगह एक निजी कंपनी के अपने पसंदीदा मजदूरों की नियुक्ति कर दी। श्रमिकों ने आरोप लगाया कि वर्षों की सेवा के बावजूद उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया गया है।
एक श्रमिक ने गुस्से और बेबसी के साथ कहा कि “बच्चों की फीस भरने के पैसे नहीं हैं, घर चलाना मुश्किल हो गया है,” । कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया है और तीन दिन के भीतर समाधान की मांग की। श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुईं, तो वे जल्द ही जिला स्तरीय आंदोलन शुरू करेंगे।
समस्या समाधान के लिए 24 आरआई सर्किल में राजस्व शिविर
वहीं एक अन्य खबर में कवर्धा जिला में राजस्व के 40 हजार से अधिक प्रकरण पिछले 3 सालों से लंबित हैं। लोग तहसील कार्यालय से लेकर पटवारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। लगातार मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कवर्धा जिले के 24 आरआई सर्किल में राजस्व शिविर लगाकर प्रकरणों का निपटारा करने की योजना आज से शुरू हो गई है। जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र तरेगांव जंगल से आज शिविर का शुरुआत किया गया।
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने बताया कि लंबित प्रकरणों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों को मुख्यालय आकर भटकना न पड़े इसलिए कलेक्टर सहित राजस्व के तमाम अमला इन 24 सर्किल में पहुंचकर राजस्व के समस्याओं को दूर करेंगे। इसके अलावा आय, जाति, निवास, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और राशनकार्ड संबंधित त्रुटियां भी शिविर के माध्यम से दूर की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि प्रदेश का पहला जिला होगा जहां राजस्व के प्रकरण सुलझाने के लिए 24 स्थानों पर विशेष शिविर लगाया जा रहा है। आज कुछ आवेदनों का निराकरण भी किया गया।