AMBIKAPUR NEWS. सरगुज़ा में महादेव सट्टा एप के संचालन में पुलिस विभाग के एक आरक्षक का नाम शामिल होने के बाद सरगुज़ा संभाग की दो जिलों की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। दरअसल आरक्षक प्रवीण सिंह पर एक युवक ने वीडियो जारी कर महादेव सट्टा एप का संचालन करने के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके बाद पुलिस विभाग में भी हड़कम्प मच गया है।
वीडियो में जिस तारीख का उल्लेख किया गया है उस दौरान आरक्षक अम्बिकापुर में ही पदस्थ था और यहीं किराये का मकान लेकर उस पर सट्टा संचालित करने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में आईजी सरगुज़ा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरगुज़ा एसपी को जांच का जिम्मा सौंप दिया है। मगर अब उसकी पदस्थापना बलरामपुर जिले में है जहाँ आरोप लगने के बाद उसने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश भी की है। ऐसे में अब बलरामपुर जिले की पुलिस भी आरक्षक के कार्यप्रणाली को लेकर विभागीय जांच शुरू कर सकती है।
इधर इस मामले में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भी बयान दिया है कि महादेव एप हो या कोई भी सट्टा एप सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि ऐसे सट्टा एप पर लोगों की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो जाती है और वो सुसाइड तक कर लेते हैं। ऐसे में ऐसा करने वाले जो भी लोग हो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिये।
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। सतीपारा निवासी सत्यम केसरी नामक युवक ने बलरामपुर में पदस्थ आरक्षक प्रवीण सिंह पर महादेव सट्टा एप के अवैध संचालन में संलिप्त होने का गंभीर आरोप लगाया है। युवक का दावा है कि आरक्षक ने उसे अपने किराए के मकान में सट्टा एप ऑपरेट कराने के लिए नियुक्त किया था और जब उसने इस अवैध कार्य से इनकार किया, तो उसे झूठे केस में फंसाने और “दुबई तक कनेक्शन” बताकर धमकाया गया।
युवक सत्यम केसरी ने वीडियो में बताया है कि फरवरी 2023 में आरक्षक प्रवीण सिंह ने उसे अपने गाड़ाघाट स्थित किराए के मकान में एक महीने तक सट्टा एप ऑपरेट करने के लिए रखा। उस स्थान पर उसके पांच अन्य साथी भी कार्य कर रहे थे। आरक्षक खुद इस पूरे अवैध संचालन को मॉनिटर करता था। सत्यम के मुताबिक, आरक्षक प्रविन्द्र सिंह को एक माह में उन्होंने काम कर 48 लाख रुपए का प्रॉफिट दिया था।