DURG NEWS. दुर्ग रेलवे स्टेशन में वूमेन ट्रैफिकिंग का आरोप लगाते हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओ ने आज तीन लोगों को पकड़वाने में सफलता प्राप्त की है। तीनों युवतियों और परिजनों के बयान के आधार पर जीआरपी पुलिस ने इस मामले में जांच उपरांत मानव तस्करी का अपराध दर्ज कर लिया है। आरोपियों को न्यायालय तो वहीं युवतियों को सखी सेंटर भिजवा दिया है।
दुर्ग रेलवे स्टेशन में आज दिनभर बजरंग दल और ईसाई मिशनरियों के बीच गहमा गहमी देखने को मिली। दरअसल, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी मिली थी कि बस्तर की तीन युवतियों को हमसफर एक्सप्रेस से आगरा भेजा जा रहा है। इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन पहुंचे, रेलवे पुलिस ने प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस सहित सुखमन मंडावी को हिरासत में लेकर युवतियों के संबंध में जानकारी मांगी। लेकिन वे लोग सही जानकारी नहीं दे पा रहे थे।
रेलवे पुलिस ने नारायणपुर जिला पुलिस से भी संपर्क किया। कुछ देर बाद दुर्ग के ईसाई मशीनरी के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंच गए। इसके बाद तनाव और भी बढ़ गया। युवतियों का जब बयान लिया गया। तो सभी युवतियां ने इस बात की जानकारी दी कि उन्हें अच्छी नौकरी का लालच देकर आगरा ले जाया जा रहा था। सभी युवतियां हिंदू धर्म से हैं, इनमें एक युवती नारायणपुर क्षेत्र और दो युवती ओरछा क्षेत्र की है।
युवतियों के बयान के बाद जीआरपी पुलिस ने मामले में मानव तस्करी की धारा के तहत प्रीति मैरी,वंदना फ्रांसिस और सुखमन मंडावी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। बजरंग दल के दुर्ग जिला संयोजक रवि निगम का कहना है कि लगातार ईसाई मिशनरियां हिंदुओं को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का काम कर रही है। लेकिन आज उन्हे इस बात की जानकारी हुई की, कुछ युवतियों की मानव तस्करी की जा रही है।तो वे भी अपने सहयोगियों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचकर जब वस्तु स्थिति का जायजा लिया।
जहां यह बात स्पष्ट हुई, कि वाकई में दो नन (मिशनरी सिस्टर)और मिशनरी से जुड़े एक युवक के द्वारा तीन युवतियों को आगरा ले जा रहा था। इधर ईसाई मिशनरी से जुड़े एम जोराथन जॉन का आरोप है, कि राजनीतिक दबाव के कारण उनके चर्च के दो नन के खिलाफ झूठी मानव तस्करी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।जिसके कारण वे लोग अब न्यायालय की शरण में जाएंगे।
इधर बजरंग दल की शिकायत पर जीआरपी थाना के द्वारा मामले में अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है।जीआरपी थाना के प्रभारी राजकुमार बोरझा का कहना है, कि युवतियों के बयान पर ही यह कार्रवाई की गई है। दुर्ग जिले में ईसाई मिशनरी और हिंदू संगठनों के बीच लगातार विवाद देखने को मिल रहा है। लेकिन मानव तस्करी का यह जिले का पहला मामला है। जिसके कारण अब पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर अपनी जांच को शुरू कर दिया है।