RAIPUR NEWS. राजधानी रायपुर के पंडरी क्षेत्र में राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया एक बड़ा ज़मीन घोटाला सामने आया है। संभागायुक्त द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू और पटवारी वीरेंद्र झा ने मिलीभगत कर करोड़ों की सरकारी ज़मीन भूमाफियों के नाम कर दी।
जांच में पता चला कि ग्राम सेवा समिति, पंडरी की करीब 4.5 एकड़ जमीन, जिसकी बाजार कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये आंकी गई है, अवैध रूप से भूमाफिया रविन्द्र अग्रवाल और हरमीत सिंह खनूजा के नाम दर्ज कर दी गई। इस बड़े जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार के उजागर होने के बाद राजस्व विभाग के इन अधिकारियों पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
गौरतलब है कि हरमीत सिंह खनूजा पहले से ही भारतमाला मुआवजा घोटाले के मामले में जेल में बंद है। अब उसके खिलाफ ज़मीन घोटाले का एक और मामला उजागर हुआ है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।
संभागायुक्त की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय जांच कमेटी — जिसमें अपर कलेक्टर और एसडीएम भी शामिल हैं — ने अपनी रिपोर्ट में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की है। कमेटी ने तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू और पटवारी वीरेंद्र झा को तत्काल निलंबित करने और उनके खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
इतना ही नहीं, तहसीलदार मनीष देव साहू और उनके सहयोगी अजय चंद्रवंशी पर धरमपुरा क्षेत्र में भी करोड़ों की ज़मीन में गड़बड़ी करने के आरोप लगे हैं। इस पूरे प्रकरण ने प्रशासनिक प्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य सरकार और राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों से अब सख्त कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।