NEWS DELHI. भारतीय रेलवे यात्रियों को सुविधा देने के लिए अपने सिस्टम को बेहतर बनाने में जुटा है। इसी क्रम में नया आधुनिक पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) ला रहा है। अब रिजर्वेशन चार्ट 8 घंटे पहले तैयार हो जाएगा। अभी चार्ट 4 घंटे पहले बनता है। यही नहीं, जो ट्रेनें दोपहर 2 बजे से पहले चलती हैं, उनका चार्ट एक दिन पहले रात 9 बजे ही बन जाएगा। इससे वेटिंग टिकट वालों को समय रहते जानकारी मिल सकेगी और वे यात्रा की वैकल्पिक योजना बना सकेंगे। नए सिस्टम में 1.5 लाख टिकट प्रति मिनट बन सकेंगे। मौजूदा क्षमता 32,000 टिकट प्रति मिनट है। नया सिस्टम साल दिसंबर 2025 तक तैयार हो जाएगा।
वहीं, रेलवे एक और बड़ी राहत देने पर विचार कर रहा है! अगर आपका वेटिंग लिस्ट वाला टिकट रद्द हो जाता है या ट्रेन का चार्ट बनने के बाद भी कन्फर्म नहीं होता, तो अब उस पर लगने वाला क्लर्केज चार्ज वापस मिल सकता है। अभी तक, रेलवे इस चार्ज को वापस नहीं करता था, जिससे लाखों यात्रियों को नुकसान होता था। यह प्रस्ताव मान लिया जाता है, तो यात्रियों को टिकट रद्द कराने पर कम पैसे कटेंगे।
अभी 2015 से लागू नियमों के अनुसार सभी आरक्षित क्लास के टिकटों पर 60 रुपए क्लर्केज चार्ज लगता है। वहीं, सेकंड क्लास के अनारक्षित टिकटों पर 30 रुपए क्लर्केज चार्ज लगता है। यह चार्ज, सुविधा शुल्क के साथ, टिकट रद्द होने या वेटिंग/आरएसी होने पर वापस नहीं मिलता। बता दें कि 2021 से 2024 के बीच टिकट रद्द होने से रेलवे को 1230 करोड़ रुपए की कमाई हुई।
दूसरी ओर, रेल मंत्रालय ने वेटिंग लिस्ट की सीमा 25% करने वाला आदेश वापस ले लिया है। शनिवार को ताजा आदेश जारी कर सभी एसी क्लास के लिए यात्रियों की वेटिंग लिस्ट की सीमा 25% से बढ़ाकर 60% और गैर-एसी क्लास के लिए 30% कर दी है। सभी श्रेणियों के यात्रियों की वेटिंग लिस्ट को 25% तक सीमित करने का आदेश 17 अप्रैल को सभी जोनों के साथ रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) को दिया गया था। सीआरआईएस ने आरक्षण प्रणाली में संशोधन कर इसे 16 जून से लागू कर दिया।
ताजा आदेश में मंत्रालय ने कहा है कि “इस मामले की समीक्षा की गई है और 17 अप्रैल के पूर्व निर्देश की जगह यह फैसला लिया गया है कि वेटिंग लिस्ट की वर्तमान अधिकतम सीमा को संशोधित कर एसी के लिए क्षमता का 60% और और गैर-एसी के लिए 30% किया जाएगा। यह तत्काल टिकटों पर भी लागू होगा। मालूम हो, वर्ष 2013 के आदेश के अनुसार फर्स्ट एसी/ईसी और द्वितीय एसी श्रेणियों के लिए वेटिंग लिस्ट की सीमा 30 और 100 थी। इसी तरह, प्रथम श्रेणी, 3एसी/चेयर कार और स्लीपर क्लास में क्रमशः 30, 300 और 400 थी।