RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल रमेन डेका और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्हें संविधान की मर्यादा से बाहर काम करने का आरोप लगाया है। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा पलटवार किया है। मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि यह केवल राजनीतिक बयान है। विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार जांच से घराब रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि राज्य में संवैधानिक स्थिति समाप्त हो चुकी है। राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष जैसे पद सरकारी पद माने हैं। पूर्व सीएम कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सचिव को पत्र नहीं लिख सकते, और राज्यपाल का जिलों में जाकर अधिकारियों के साथ बैठक लेना संवैधानिक सीमाओं के बाहर है। भूपेश बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार पर बीजेपी को खुद भरोसा नहीं है, इसलिए संवैधानिक पदों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री के इन आरोपों पर छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने भूपेश बघेल पर तंज कसते हुए कहा कि क्या अब हमें भूपेश बघेल से संविधान सीखना होगा? उन्हें रह-रहकर तकलीफ होती है। अनुसूचित क्षेत्रों में राज्यपाल ही सर्वोच्च होते हैं। वही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को लेकर बघेल की टिप्पणी पर भाजपा नेताओं ने नाराजगी जाहिर की।
रामविचार नेताम ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखने का अधिकार है, और इस अधिकार को चुनौती देना असंवैधानिक और अपमानजनक है। किसी के भी संवैधानिक अधिकार का हनन नहीं किया जा सकता। छत्तीसगढ़ की सियासत में यह ताजा बयानबाज़ी राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष की सक्रिय भूमिका को लेकर एक बड़ी बहस को जन्म दे रही है।
कृषि मंत्री ने एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री इसे संविधान के विरुद्ध बता रहे हैं, वहीं भाजपा नेता इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं। राज्य की जनता अब देख रही है कि यह तकरार केवल राजनीतिक बयानबाजी है या इसके पीछे कोई गहरी संवैधानिक चिंता भी छिपी है।
इसी मामले में बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्रा ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि क्या राज्यपाल भूपेश बघेल से पूछकर दौरे करेंगे? भूपेश बघेल पहले संविधान का आर्टिकल 159 पढ़ लें, फिर ऐसी बयानबाजी करें। उनके पास अब कोई काम नहीं बचा है, इसलिए इस तरह की अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं। विधायक पुरंदर मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया कि बघेल पूर्ववर्ती सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच और उसके चलते जेल गए अफसरों से घबराए हुए हैं।