BILASPUR NEWS. बिलासपुर के कोटा वन परिक्षेत्र के जंगल में लकड़ी तस्करों ने डिप्टी रेंजर अरविंद बंजारे पर जानलेवा हमला कर दिया। घटना उस वक्त हुई जब डिप्टी रेंजर अपनी टीम के साथ लकड़ी तस्करी की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे। तस्करों के हमले में डिप्टी रेंजर अरविंद बंजारे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। अन्य वनकर्मी मौके से जान बचाकर भागे हैं।
छत्तीसगढ़ में वन माफियाओं के हौसले इस कदर बढ़ रहे हैं कि अब तो वन विभाग के अफसर भी उनके हमले से सुरक्षित नहीं रह गए हैं। हम यह बात इसलिए कह रहे हैं क्यों कि बिलासपुर के कोटा वन परिक्षेत्र के जंगल में लकड़ी तस्करों ने डिप्टी रेंजर पर जानलेवा हमला कर दिया। रेंजर अपनी टीम के साथ लकड़ी तस्करी की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे। यह तो गनीमत रही कि अन्य वनकर्मी अपनी जान बचाकर भाग गए।
घटना के बाद घायल डिप्टी रेंजर को प्राथमिक उपचार के बाद बिलासपुर रेफर किया गया है। मौके से वन विभाग ने 17 नग सागौन का लठ्ठा, एक ट्रैक्टर और एक पिकअप वाहन को जब्त किया है। पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली है और उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। इस घटना से वन विभाग में दहशत का माहौल है। वनकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कवर्धा में भी हुआ था डिप्टी रेंजर पर हमला
गौरतलब है कि इसके पहले भी कवर्धा के डालमौहा गांव के वन विकास निगम परिक्षेत्र के कूदूर नाला में 22/23 सितंबर की दरमियानी रात रेत माफिया और उनके गुर्गे बड़ी संख्या में जेसीबी से रेत का अवैध खनन कर रहे थे। इस मामले की सूचना मिलने पर वन विकास निगम के डिप्टी रेंजर गणेश चन्द्रवंशी और अनील कुर्रे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। रेंजर ने अवैध खनन को रोका और गाड़ियों की जब्ती कार्रवाई करने लगे। इसी दौरान रेत माफिया और उनके गुर्गे अधिकारियों पर टूट पड़े और लाठी डंडों से पिटाई चालू कर दी थी।
ग्रामीणों का आक्रोश देखकर अधिकारी, कर्मचारी अपनी जान बचाकर भागने लगे, लेकिन बदमाशों ने डिप्टी रेंजर गणेश चन्द्रवंशी और अनील कुर्रे को पकड़ लिया और लाठीडंडों से खूब पीटा। हमले में दोनों अधिकारियों की वर्दी भी फाड़ी दी और बेरहमी से मारपीट किया। इस हमले में दोनों रेंजर्स के सिर पर गंभीर चोट आई
थी और दोनों बेहोश हो गए। आरोपी यही नहीं रुके और अधिकारियों को जेसीबी में डालकर 6 किलोमीटर दूर गांव लेकर पहुंचे और उन्हें बंधक बनाकर रखा था।