RAIGARH NEWS. छत्तीसगढ़ में कोयला खदानों का जाल फैलता ही जा रहा है। इसके लिए जगह-जंगल को उजाड़ा जा रहा है। इस बीच, रायगढ़ में आज यानी 26 जून को लोग सड़क पर उतर आए हैं। इसकी वजह है- लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के मुड़ागांव और आसपास के जंगलों के पेड़ कटाई का। पेड़ों की विरोध में ग्रामीणों का समर्थन करने पहुंची लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार भी पहुंची। लोगों के साथ उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि एक उद्योगपति को इलाके में कोयला खदान आबंटित हुई है। बीते कई दिनों से खदान के नाम हजारों पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे।
दरअसल, तमनार क्षेत्र के मुडागांव में एक उद्योग समूह की एक परियोजना के लिए जंगल की कटाई शुरू की गई है। इस कार्य के लिए सैकड़ों पुलिस बल की तैनाती की गई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में घने जंगल और जैव-विविधता से भरपूर वन क्षेत्र हैं, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका का भी आधार है।
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जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के लैलूंगा में जंगल की कटाई का विरोध एक दर्जन से भी अधिक गांव के लोग बीते एक महीने से कर रहे हैं। ग्रामीणों के समर्थन में लैलूंगा कांग्रेस विधायक विद्यावती सिडार पहुंची थी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गांव के लोगों ने विधायक की गिरफ्तारी का विरोध किया है। पेड़ों की कटाई की खबर के बाद ग्रामीणों में असंतोष बढ़ रहा है।
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बता दें कि कई लोगों ने इसे पर्यावरण के साथ-साथ उनकी संस्कृति और आजीविका पर हमला बताया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कटाई के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई और न ही इसकी पर्याप्त जानकारी दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक परियोजनाओं के लिए जंगलों का विनाश किया जा रहा है।