RAIPUR NEWS. निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट की शुद्धता बढ़ाने और वोटर सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तीन नए कदम उठाए हैं। इनमें सबसे अहम है-आयोग अब मृतकों का डेटा रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से लेगा। इससे इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) को रजिस्टर्ड मौतों की जानकारी समय पर मिल सकेगी। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) फील्ड विजिट के दौरान इस जानकारी की पुष्टि कर सकेंगे। ऐसे में इसके लिए अब फॉर्म-7 भरने की जरूरत नहीं होगी।
इसके अलावा अब सभी बीएलओ को फोटो पहचान पत्र मिलेगा। इससे मतदाता उन्हें आसानी से पहचान सकेंगे। साथ ही, आयोग ने वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप (वीआईएस) को और उपयोगी बनाने के लिए इसके डिजाइन में बदलाव करने का फैसला किया है। अब वोटर का सीरियल नंबर और पार्ट नंबर बड़े फॉन्ट में दिखेगा, जिससे मतदाता को अपना पोलिंग स्टेशन पहचानने और अधिकारियों को वोटर लिस्ट में नाम ढ़ूंढ़ने में आसानी होगी।
ये भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमला: अब पाकिस्तान के इस मंत्री का अकाउंट बैन, रक्षा मंत्री आसिफ ने भारत को दी ये धमकी
वहीं, छत्तीसगढ़ में वाले चुनावों में मतदाताओं को कई नई चीजें देखने को मिलेगी। चुनाव के लिए बांटी जाने वाली वोटर पर्ची का स्वरूप बदला हुआ मिलेगा। वोटर पर्ची को मतदाताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए आयोग ने इसके डिजाइन को बदलने का फैसला किया है। वोटर नंबर और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें अक्षर का आकार बढ़ाया जाएगा। इससे वोटर के लिए अपने बूथ को पहचानना और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नाम को ढूंढना आसान हो जाएगा।
ये भी पढ़ें: CUET UG 2025 के लिए एडमिट कार्ड जारी…इस तारीख से शुरू होगा Exam, जुलाई में काउंसिलिंग
इसके साथ ही घर-घर जाकर वोटरलिस्ट को अपडेट करने वाले 24731 बूथ लेवल अफसरों को मतदाताओं को पहचानने में कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि उनके पास पहचान पत्र होगा। यह उन्हें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जारी करेंगे। अब तक यह जिला स्तर पर जारी किए जाते थे। बीएलओ के घर के सामने भी नाम पट्टिका लगाई जाती रही है। आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता में वृद्धि करने और नागरिकों के लिए मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से यह बदलाव किया गया है।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि ईआरओ द्वारा नियुक्त बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं। इससे नागरिक मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान बीएलओ को पहचान सकेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मार्च में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी व राज्यों के सीईओ के सम्मेलन में मिले सुझावों के बाद यह बदलाव किया जा रहा है।
आयोग अब भारत के रजिस्ट्रार जनरल से इलेक्ट्रॉनिक रूप से मृत्यु पंजीकरण डेटा प्राप्त करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों यानी ईआरओ को पंजीकृत मृत्यु के बारे में समय पर जानकारी प्राप्त हो सके। इससे बूथ लेवल ऑफिसर भी फॉर्म 7 द्वारा औपचारिक आवेदन पत्र का इंतजार किए बिना फील्ड विजिट के जरिए जानकारी को पुनः सत्यापित कर सकेंगे।