ब्राह्मण जाति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले फिल्म निर्माता निर्देशक और एक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ आज रायपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी किया गया है ।
RAIPUR NEWS. ब्राह्मण जाति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले फिल्म निर्माता निर्देशक और एक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ आज रायपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी किया गया है ।
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और भाजपा नेता अंजिनेश अंजय शुक्ला द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकांशा बेक, रायपुर की अदालत ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 196, 299 एवं 353 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। ये धाराएँ संज्ञेय तथा गैर-जमानती प्रकृति की मानी जाती हैं।
इस प्रकरण में अधिवक्ता अंजिनेश शुक्ला स्वयं सह अधिवक्तागण निमिश किरण शर्मा एवं संदीप थोरानी ने पैरवी की। अंजिनेश शुक्ला ने बताया कि उन्होंने सिविल लाइन थाने में इसकी शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। FIR दर्ज नहीं होने पर उन्होंने एसएसपी से मुलाकात कर FIR दर्ज करने की मांग की।उसके बाद भी FIR दर्ज नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट में आवेदन लगाया था। जिस पर आज ये फैसला आया है ।
बता दें कि ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने के बाद फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप घिर गए हैं। कोर्ट ने खुद एफ आई आर करने का आदेश दिया है। बॉलीवुड फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ रायपुर में गैर जमानती धाराओं में सिविल लाइन थाने में अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने माना है कि अनुराग की टिप्पणी ना सिर्फ सामाजिक सौहार्द को भंग करने वाली है, बल्कि यह विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। अधिवक्ता शुक्ला ने कहा, आरोपी इन धाराओं में कोई समझौता नहीं कर सकता है
ब्राह्मणों पर क्या बोले थे अनुराग कश्यप?
अगर, अनुराग कश्यप के उस विवादित बयान की बात की जाए तो इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म ‘फुले’ 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। ये फिल्म समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित है। इसका ट्रेलर रिलीज किए जाने के बाद से ही इस पर जातिवाद के आरोप लग रहे थे। वहीं, सर्टिफिकेशन बोर्ड ने भी इसकी रिलीज से पहले फिल्म में कई बदलाव करने के सुझाव दिए थे। ऐसे में सेंसर बोर्ड का रवैया देखकर अनुराग ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर अपनी राय रखनी शुरू कर दिया। 5 दिन पहले फिल्म फुले और जातिवाद के मुद्दे पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें जातिवाद को लेकर बहुत कुछ लिखा था और ब्राह्मण समुदाय के बारे में बहुत कुछ कहा था।
इसमें अनुराग कश्यप ने लिखा था, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पर संतोष भी इंडिया में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण को समस्या है फुले से। भइया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप? आपकी क्यों सुलग रही है। जब कास्ट सिस्टम था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे? या तो आपका ब्राह्मणवाद एक्जिस्ट ही नहीं करता क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है? ये सब लोग मिलकर सबको बेवकूफ बना रहे हैं। भाई मिलकर डिसाइड कर लो इंडिया में जातिवाद है या नहीं। लोग बेवकूफ नहीं हैं। आप ब्राह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं। डिसाइड कर लो।’
बुरे फंसे फिल्मकार अनुराग कश्यप, ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर रायपुर कोर्ट ने दिए FIR दर्ज करने के निर्देश
RAIPUR NEWS. ब्राह्मण जाति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले फिल्म निर्माता निर्देशक और एक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ आज रायपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी किया गया है ।
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और भाजपा नेता अंजिनेश अंजय शुक्ला द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकांशा बेक, रायपुर की अदालत ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 196, 299 एवं 353 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। ये धाराएँ संज्ञेय तथा गैर-जमानती प्रकृति की मानी जाती हैं।
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इस प्रकरण में अधिवक्ता अंजिनेश शुक्ला स्वयं सह अधिवक्तागण निमिश किरण शर्मा एवं संदीप थोरानी ने पैरवी की। अंजिनेश शुक्ला ने बताया कि उन्होंने सिविल लाइन थाने में इसकी शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। FIR दर्ज नहीं होने पर उन्होंने एसएसपी से मुलाकात कर FIR दर्ज करने की मांग की।उसके बाद भी FIR दर्ज नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट में आवेदन लगाया था। जिस पर आज ये फैसला आया है ।
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बता दें कि ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने के बाद फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप घिर गए हैं। कोर्ट ने खुद एफ आई आर करने का आदेश दिया है। बॉलीवुड फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ रायपुर में गैर जमानती धाराओं में सिविल लाइन थाने में अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने माना है कि अनुराग की टिप्पणी ना सिर्फ सामाजिक सौहार्द को भंग करने वाली है, बल्कि यह विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। अधिवक्ता शुक्ला ने कहा, आरोपी इन धाराओं में कोई समझौता नहीं कर सकता है
ब्राह्मणों पर क्या बोले थे अनुराग कश्यप?
अगर, अनुराग कश्यप के उस विवादित बयान की बात की जाए तो इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म ‘फुले’ 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। ये फिल्म समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित है। इसका ट्रेलर रिलीज किए जाने के बाद से ही इस पर जातिवाद के आरोप लग रहे थे। वहीं, सर्टिफिकेशन बोर्ड ने भी इसकी रिलीज से पहले फिल्म में कई बदलाव करने के सुझाव दिए थे। ऐसे में सेंसर बोर्ड का रवैया देखकर अनुराग ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर अपनी राय रखनी शुरू कर दिया। 5 दिन पहले फिल्म फुले और जातिवाद के मुद्दे पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें जातिवाद को लेकर बहुत कुछ लिखा था और ब्राह्मण समुदाय के बारे में बहुत कुछ कहा था।
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इसमें अनुराग कश्यप ने लिखा था, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पर संतोष भी इंडिया में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण को समस्या है फुले से। भइया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप? आपकी क्यों सुलग रही है। जब कास्ट सिस्टम था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे? या तो आपका ब्राह्मणवाद एक्जिस्ट ही नहीं करता क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है? ये सब लोग मिलकर सबको बेवकूफ बना रहे हैं। भाई मिलकर डिसाइड कर लो इंडिया में जातिवाद है या नहीं। लोग बेवकूफ नहीं हैं। आप ब्राह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं। डिसाइड कर लो।’