BILASPUR NEWS. प्रदेश के अपोलो अस्पताल में रहे फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट नरेन्द्र विक्रमादित्य को पुलिस ने दमोह में गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ल के मौत के अलावा अन्य 7 लोगों के मौत के मामले में केस दर्ज है। वहीं इसी मामले में बिलासपुर पुलिस उनसे पूछताछ भी करेगी।
ये भी पढ़ें:महतारी वंदन योजना की 15वीं किश्त जारी, महिलाओं के खाते में डाले गए 648 करोड़ रुपए
बता दें, फर्जी डॉक्टर अपोलो अस्पताल में पूर्व में कार्यरत था। इसी दौरान उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का ऑपरेशन किया था। जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। इसी तरह के कई मामले उन पर दर्ज है। पुलिस उससे पूछताछ करेगी। साथ ही बताया जा रहा है कि पूछताछ के बाद आरोपी डॉक्टर को अपने यहां नौकरी पर रखने वाले अपोलो प्रबंधन पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसकी भी तैयारी पुलिस कर रही है। इसमें दोषी लोगों पर अपराध दर्ज कर उनकी तुरंत ही गिरफ्तारी की जाएगी।
अपोलो प्रबंधन का गोलमोल जवाब
दमोह के मिशन अस्पताल में 7 दिल के मरीजों के मौत का मामला सामने आने के बाद फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एन जॉन केम उर्फ विक्रमादित्य यादव का कारनामा उजागर हुआ। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत को लेकर भी उनके बेटे ने अपोलो प्रबंधन के खिलाफ व डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। इसी को लेकर पुलिस एक्शन मोड में है। जल्द से जल्द फर्जी डॉक्टर को सजा दिलाने की बात कही जा रही है। प्रबंधन के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया गया है।
ये भी पढ़ें:भगवान परशुराम की जयंती पर भव्य आयोजन, समग्र ब्राम्हणों ने उत्साह व उमंग के साथ किया याद
2006 में हुई थी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत
वर्ष 2006 में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल को सांस लेने में समस्या हुई थी तब उनको अपोलो में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। तब उनके परिवार के लोगों व विधानसभा के अधिकारियों ने उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी मांगी थी। लेकिन प्रबंधन ने इस पर कोई सही जानकारी नहीं दी थी।
डॉक्टर जॉन उर्फ विक्रमादित्य यादव के डिग्री के फर्जी होने के नाम पर भी शिकायत की। जांच में डिग्री फर्जी पायी गई। बाद में अन्य नियुक्ति संबंध जांच की तो पता चला कि उनका छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में भी उसका पंजीयन नहीं है। इस आधार पर पाया गया कि डॉक्टर को एंजियोप्लास्टी करने का अधिकार ही नहीं था।