DURG/ BHILAI NEWS. जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को देखते हुए देश में सरकार ने पूरे भारत के सभी राज्यों के सिविल डिफेंस को परखने का फैसला लिया है। इसे परखने के लिए ब्लैक मॉकड्रिल की तैयारी की जा रही है। इसमें छत्तीसगढ़ में भी कुछ जगहों पर ब्लैक मॉकड्रिल की जाएगी। ताकि पहलगाम जैसी घटना से बचा जा सके। किसी भी की जान न जा सके। यदि इस तरह के हालत उत्पन्न हो तो सुरक्षा प्रदान की जा सके।
बता दें, पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत व पाकिस्तान के रिश्ते खराब हो गए है और अलगाव लगातार बढ़ते जा रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार ने देशभर में सिविल डिफेंस तैयारियों को परखने का फैसला लिया है। इसके तहत 7 मई 2025 को 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्स में युद्ध जैसी आपात स्थिथियों के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। ये मॉकड्रिल देश के सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में युद्ध सायरन बजाए जाएंगे।
1971 में हुई थी सिविल डिफेंस की मॉकड्रिल
भारत में जम्मू-कश्मीर के हमले से पहले तक सिविल डिफेंस से ऐसा कुछ कराया ही नहीं गया। इससे पहले 1971 में कारगिल युद्ध के दौरान इस तरह का मॉकड्रिल कराया गया था। चूंकि अब हालात बदल गए है और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों के चलते केन्द्र सरकार पूरी तैयारी को देखना चाहती है।
जान लें क्या है सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्स
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स ऐसे क्षेत्र है। जहां पर भारत सरकार सिविल डिफेंस प्रोग्राम लागू करती है। ये जिले युद्ध , हवाई हमले, मिसाइल हमले या अन्य बड़े आतंकी हमलों जैसी आपात स्थितियों में प्रशासनिक और ऑपरेशनल केन्द्र के रूप में कार्य करते हैं। नागरिकों और स्वयं सेवकों की सुरक्षा के लिए तैयार करने का कार्य इनका होता है। इसमें प्रशिक्षित करना, ब्लैकआउट और निकासी अभ्यास करना, जनजागरूकता चलाना, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, पुलिस व स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करना है। सिविल डिफेंस नियम 1968 के तहत चिन्हित किए गए है।
छत्तीसगढ़ में एक मात्र सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट
वैसे तो भारत भर में कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स है। लेकिन बात करे छत्तीसगढ़ को तो यहां पर सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के तौर पर दुर्ग(भिलाई) है। यहां पर भी 7 फरवरी को ब्लैकआउट मॉकड्रिल सायरन बजेगा। जिससे सिविल डिफेंस की तैयारी को देखा जाएगा।