JAGDALPUR NEWS. नक्सली नेता नंबाला केशव बसव राजू के शव को लेकर विवाद शुरू हो गया है। नक्सली नेता के परिजनों ने उसके शव को नहीं देने का आरोप छत्तीसगढ़ पुलिस पर लगाया है। जबकि आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने उसके शव को परिजनों को सौंपने का निर्देश दिया था।
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दरअसल,आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मारे गए माओवादियों नंबाला केशव राव और सज्जा वेंकट नागेश्वर राव के परिजनों द्वारा दायर उन दो याचिकाओं का शनिवार को निपटारा कर दिया था, जिनमें छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश सरकारों को शव सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि वे उनका अंतिम संस्कार कर सकें।
अदालत ने दोनों रिट याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता शव लेने के लिए छत्तीसगढ़ के संबंधित पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं।
शवों के पोस्टमार्टम की स्थिति के बारे में न्यायालय के विशेष सवाल पर छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने बताया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम शनिवार तक पूरा कर लिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने अदालत को यह भी बताया कि पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
हालांकि नक्सली नेता के परिजनों ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाए है कि वह उन्हें बसवराजू का शव नहीं सौंप रहे है। वही आंध्रप्रदेश पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात कही है। उन्होंने परिजनों को गृह जिले में शव नहीं लाने की हिदायत दी है।
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गौरतलब है कि, नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के सबसे बड़े अभियानों में से एक में 21 मई को छत्तीसगढ़ के बीजापुर-नारायणपुर जिलों की सीमा पर स्थित अबूझमाड़ वन क्षेत्र में एक मुठभेड़ में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू और 26 अन्य माओवादी मारे गये थे। इस अभियान में राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के दो जवानों की भी मौत हो गयी थी।