SURAJPUR NEWS. सूरजपुर में लगभग 27 सालों की अधूरी मांग को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं, यही कारण है कि ग्रामीण अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। जिसको लेकर आज ग्रामीणों ने SECL के खदान को पूरी तरह बंद कर दिया है। खदान के कर्मचारियों और अधिकारियों को अंदर नहीं जाने दिया, तो कोल प्रोडक्शन भी पूरी तरह ठप कर दिया है।
दरअसल SECL के द्वारा 1997 में गेतरा गांव में रेहर खदान को खोला गया था। आरोप है कि उस समय से अभी तक बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका जमीन अधिग्रहण कर लिया गया है। लेकिन उनको नौकरी और मुआवजा नहीं मिला। वहीं 2017 में फिर से एसईसीएल ने गायत्री खदान भी शुरू किया, लेकिन यहां भी कई ग्रामीण आज भी नौकरी और मुआवजे के इंतजार में हैं।
इसको लेकर ग्रामीण कई बार हड़ताल भी कर चुके हैं। एसईसीएल प्रबंधन से लेकर कलेक्टर तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन शिवाय आश्वासन के आज तक इन ग्रामीणों को कुछ भी नहीं मिल सका है। जिसको लेकर आखिरकार इन ग्रामीणों ने अब आर पार की लड़ाई शुरू कर दी है।
सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण कोयला खदान के सामने धरने पर बैठे हैं और किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को खदान के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं, जिसको लेकर कोल इंडिया को प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बहरहाल अब यह देखना होगा कि एसईसीएल प्रबंधन इन ग्रामीणों की मांगों पर कब तक संज्ञान लेता है, या फिर इसी तरह से हर दिन कंपनी को करोड़ों का चूना लगाता रहेगा।