NEW DELHI NEWS. अब देश में टैक्स विवाद को आसानी से सुलझा सकेंगे। अगर आप टैक्स से जुड़े किसी पुराने विवाद में फंसे हैं तो विवाद से विश्वास योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। ये योजना छोटे-बड़े हर तरह के टैक्सपेयर्स के लिए है जो अपने टैक्स के विवाद को जल्दी और बिना झंझट खत्म करना चाहते हैं। इस स्कीम के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 30 अप्रैल तक है।
समय पर आवेदन करके ब्याज और जुर्माने में छूट का लाभ उठाना चाहिए। आयकर विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीडीटी 30. 04. 2025 को आखिरी तारीख के रूप में अधिसूचित करता है, जिस दिन या उससे पहले प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024 के तहत कर बकाया के संबंध में घोषणाकर्ता द्वारा नामित प्राधिकारी को घोषणा पत्र दाखिल किया जा सकता है।
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इस योजना का लाभ वे करदाता उठा सकते हैं जिनके पास विवाद/अपील हैं, जिनमें रिट और विशेष अनुमति याचिकाएं (अपील) शामिल हैं, चाहे वे करदाता या कर अधिकारियों द्वारा दायर की गई हों, जो 22 जुलाई, 2024 तक सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, आयुक्त/संयुक्त आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित हैं। इस योजना में सर्च और जब्ती से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं।
विभाग ने बताया कि लगभग 2.7 करोड़ डायेक्ट टैक्स डिमांड, जिनकी कुल राशि लगभग 35 लाख करोड़ रुपये है, विभिन्न कानूनी मंचों पर विवादित हैं। बता दें कि बजट 2024-25 में 23 जुलाई को विवाद से विश्वास योजना, 2024 की घोषणा की गई थी और 1 अक्टूबर, 2024 को इस योजना का लाभ उठाने की शुरुआत की तिथि के तौर पर अधिसूचित किया गया था। इस योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को विवादित कर मांग का 110 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
अगर ऊपर बताए गए एलिजिबल टैक्सपेयर विवादित टैक्स की निर्धारित रकम का भुगतान स्कीम के तहत करते हैं और उससे जुड़ा डिक्लेरेशन अथॉरिटीज को सौंप देते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग पूरा जुर्माना माफ कर देगा। पेंडिंग ब्याज की रकम को खत्म कर देगा और मामला पूरी तरह से निपट गया माना जाएगा। इस तरह टैक्सपेयर को लंबी कानूनी प्रक्रिया से राहत मिलेगी और टैक्स विवाद भी सुलझ जाएगा।
विवाद से विश्वास योजना 2.0 का मकसद लंबित आयकर मुकदमेबाजी को सुलझाने की प्रक्रिया को सरल बनाना है। यह पात्र करदाताओं को उनके बकाया बकाए का एक निश्चित हिस्सा देकर अपने टैक्स विवादों को निपटाने की अनुमति देता है।
ये है आवेदन की प्रक्रिया
करदाताओं को 30 अप्रैल 2025 तक फॉर्म 1 भरकर सरकार को बताना होगा कि वे इस योजना का फायदा लेना चाहते हैं। अगले 15 दिनों में सरकारी अधिकारी फॉर्म 2 में एक सर्टिफिकेट देगा जिसमें बताया जाएगा कि कितना टैक्स जमा करना है। टैक्सपेयर को यह सर्टिफिकेट मिलने के 15 दिनों के अंदर (30 मई 2025 तक) फॉर्म 3 भरकर टैक्स की राशि जमा करनी होगी।