RAIPUR NEWS. दुर्ग में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश का माहौल है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष दीपक बैज ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस हृदयविदारक घटना को “निर्भया कांड से कम नहीं” बताया। बैज के साथ दुर्ग घटना की जांच समिति की संयोजक संगीता सिन्हा और अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
दीपक बैज ने बताया कि वह खुद पीड़ित परिवार से मुलाकात कर चुके हैं और परिवार जिस स्थिति में है, वह बेहद दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि बच्ची के शव की हालत इतनी भयावह थी कि मां और परिजन उसे देख नहीं पाए। घटना को लेकर उन्होंने पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए।
दीपक बैज ने आरोप लगाया कि बच्ची के दादा को पुलिस ने पीटा और प्रताड़ित किया। साथ ही यह भी कहा कि जिनके ऊपर आरोप लगाया गया है, वह परिवार का ही एक सदस्य (चाचा) है, जिसे परिजन निर्दोष मानते हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस जबरन उसे आरोपी बना रही है और परिजनों को पुलिस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। इसीलिए परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है।
दीपक बैज ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में आठ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इनमें से एक आरोपी का पैर तक तोड़ दिया गया, जबकि चर्चा है कि वह घटना में शामिल नहीं था। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अगर पुलिस के पास पुख्ता सबूत हैं, तो फिर SIT का गठन क्यों किया गया?
कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर 18 से 21 अप्रैल तक ‘न्याय यात्रा’ निकालेगी। यह पदयात्रा दुर्ग से रायपुर तक निकाली जाएगी, जिसमें प्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। 21 अप्रैल को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।
तेंदूपत्ता बोनस घोटाले पर भी तीखा हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दीपक बैज ने तेंदूपत्ता बोनस घोटाले को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुकमा में छापे पड़ रहे हैं, एक पूर्व विधायक के यहां भी छापा मारा गया है। यह खरीद बस्तर से होती है और गड़बड़ी भी वहीं होती है, तो ऐसे में जिम्मेदारी किसकी है?
उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में वन मंत्री तक को कमीशन पहुंचा है और अधिकारी से लेकर मंत्री तक सब इसमें शामिल हैं। आदिवासियों के हक पर डाका डाला जा रहा है और सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।
बस्तर के सुकमा के आदिवासियों का पैसा हड़प रही है सरकार
बैज ने कहा कि सरकार बस्तर के सुकमा के आदिवासियों का हक छीनने में लगी है और तेंदूपत्ता घोटाले के जरिए करोड़ों की हेराफेरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले को डाइवर्ट करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं, जबकि असली दोषियों को बचाया जा रहा है।