BALOD NEWS. भू-माफियाओं के चंगुल में भोले-भाले मासूम लोग फंस जा रहे है। पूरे प्रदेश में भू-माफियाओं का जाल फैला हुआ है। भू-माफियाओं की नजर जिस भी जमीन पर होती है। साम, दाम, दंड, भेद हर तरह का हथकंडा अपना कर हासिल कर ही लेते हैं। बालोद के वनांचल क्षेत्र में भी ऐसा ही एक मामला आया है। जहां पर भू-माफियाओं ने आदिवासी परिवार की जमीन आदिवासियों के आड़ में ले ली है। वहीं बाद में उसे सामान्य करकर करोड़ों में बेचा जा रहा है। इसी के खिलाफ आदिवासी परिवार भूख हड़ताल पर बैठा है। ऐसा किसी परिवार के साथ नहीं बल्कि कई परिवारों के साथ किया है। इसलिए आदिवासी समाज हड़ताल पर बैठा है।
बता दें, मामला बालोद जिला के वनांचल क्षेत्र ग्राम कर्रेझर का है। जानकारी के मुताबिक यहां का आदिवासी परिवार ने भू-माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोला है। बताया जा रहा है कि यहां पर सेठ साहूकार गरीब आदिवासियों के आड़ लेकर जमीन खरीदी है। बाद में उसे सामान्य कर करोड़ों रुपये में बेंच रहे हैं।
यहां पर सैकड़ों एकड़ में फार्म हाउस तैयार किया गया है। आदिवासी परिवारों का कहना है कि यहां पर हमारी जमीन जब तक नहीं लौटाई जाएगी तब तक वे भूख हड़ताल करेंगे। यह भूख हड़ताल सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले किया जा रहा है। हड़ताल शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा के सामने किया जा रहा है। यहां पर परिवार के सदस्यों को समझाया गया लेकिन वे जब तक भूमि नहीं मिलेगी तब तक आंदोलन करने की बात कह रहे हैं।
ये भी पढ़ेंःसुरा प्रेमियों पर सरकार की मेहरबानी, 300 रुपए तक कम किए शराब के दाम
आदिवासियों का हो रहा शोषण
आदिवासी समाज इस तरह से भू-माफियाओं के षड्यंत्र का शिकार हो रहा है। भोले-भाले मासूम आदिवासियों की जमीन हथियाकर खुद मुनाफा कमा रहे हैं। इस तरह से वे लगातार आदिवासियों का शोषण कर रहे है।
युमना लाल सलाम ने बताया कि इस तरह से आदिवासी समाज परेशान है। इसी के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है। ऐसे 20 परिवार है गांव में जिनके साथ धोखा कर भू-माफियाओं ने उनकी जमीन ले ली है।
गैर आदिवासी इस्तेमाल कर रहें भूमि
आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि सरकार ने नियम बनाया है कि आदिवासी की जमीन आदिवासी ही खरीद सकता है। ऐसे में आदिवासी परिवारों से गलत तरह से भू-माफिया जमीन लेकर इस्तेमाल करते हैं। आदिवासी की जमीनों का उपयोग गैरआदिवासी कर रहे हैं।