BIJAPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को 17 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। आत्मसमर्पण करने वालों में मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर दिनेश मोडियम भी शामिल हैं, जिस पर 24 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
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सूत्रों के मुताबिक, ये सभी नक्सली कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की रणनीति तथा बढ़ते दबाव के चलते उन्होंने सरेंडर करने का निर्णय लिया। बीजापुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सभी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत सरकारी लाभ दिए जाएंगे, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौटकर एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें। इस आत्मसमर्पण को नक्सल उन्मूलन अभियान की एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।
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बलरामपुर जिले में आत्मसमर्पण किये नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आज भी समर्पण किये नक्सली सरकार के मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। दरअसल, लगभग 4 साल पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले एरिया कमांडर सीताराम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कई बार आवेदन देने के बाद भी उसे किसी भी नीति का लाभ नहीं मिला है।
साल 1995 से लेकर 2005 तक इस क्षेत्र में आतंक का पर्याय रहे एरिया कमांडर सीताराम ने सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर साल 2021 में बलरामपुर एसपी के सामने आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण करने के बाद 14 महीने जेल काटने के बाद सीताराम बाहर आया, लेकिन आज तक उसे सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिल सका है।
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वही इस पूरे मामले में बलरामपुर के एडिशनल एसपी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सीताराम ने साल 2021 में आत्मसमर्पण किया था। उस समय सरकार के साल 2016 के आत्मसमर्पण की नीति चल रही थी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन का अब पूरा प्रयास रहेगा कि सीताराम को सरकार की पुनर्वास नीति का पूरा लाभ मिले।