RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में कुतुबमीनार से ऊंचा जैतखाम बलौदाबाजार के गिरौदपुरी धाम में है। जो सतनामी समाज के धर्मगुरु घासीदास बाबा की जन्मस्थली है। जो आस्था का केंद्र है। जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अब बलौदाबाजार जिले का नाम “गुरु घासीदास धाम” के नाम पर रखे जाने के लिए जिले के अपर कलेक्टर ने पत्र भेजकर सभी एसडीएम से अभिमत मांगा है। जिसे लेकर अब प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है।


दरअसल यह मांग समाज की ओर से कई बार होती रही है। कांग्रेस सरकार के समय में तो प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया था। हालांकि सीएम विष्णु देव साय ने कहा उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं आई है। वहीं रायपुर लोकसभा के भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि लोगों की जो सलाह होगी, उस आधार पर निर्णय होगा।

वहीं पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा जैसे कवर्धा का नाम कबीरधाम के नाम पर रखा गया है। वैसे ही बलौदा बाजार का नाम गुरु घासीदास के नाम पर रखा जाना चाहिए। शिव डहरिया ने यह भी कहा कि सतनामी समाज के लोगों को मालूम है BJP संविधान और समाज विरोधी है।

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कुल मिलाकर अभी जिले के नाम बदलने को लेकर अभिमत मांगा गया है। देखना होगा आने वाले समय में कोई समाज या आमजन इस नाम को लेकर क्या अपनी प्रतिक्रिया दे रही है? जिसके आधार पर राज्य सरकार निर्णय लेगी जो सबको सर्वमान्य होगा।

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बता दें कि, बीते दिनों जिला प्रशासन की तरफ से बलौदाबाजार का नाम बदलने को लेकर अभिमत मांगे जाने का पत्र जारी किया गया था। कलेक्टर कार्यालय से जारी पत्र में अनुविभागीय दंडाधिकारी (राजस्व) से अविलम्ब स्पष्ट अभिमत माँगा गया था। गौरतलब है कि 2012 में रायपुर से अलग होकर बलौदाबाजार जिला अस्तित्व में आया था।




































