SUKMA/BIJAPUR NEWS. बस्तर में लगातार नक्सलियों का आत्मसमर्पण जारी है, सुकमा में एक नक्सली दंपति समेत 7 हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सलियों पर कुल 32 लाख का इनाम था। इनमें दो पुरुष और एक महिला नक्सली पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था। SP किरण चव्हाण के समक्ष इन्होंने सरेंडर किया है। ये नक्सली 2021 में टेकलगुड़ा घटना में शामिल थे। बता दें कि इस घटना में 22 जवान शहीद हुए थे।
इधर बीजापुर में गंगालूर एरिया कमेटी अंतर्गत पीड़िया आरपीसी के 01-01 लाख रूपये के 02 ईनामी माओवादी सहित कुल 03 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इन लोगों ने संगठन के विचारों से मोहभंग और निराशा एवं संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद के चलते आत्मसमर्पण किया है।
इस दौरान आत्मसमर्पित माओवादियों ने कहा कि वे समाज के मुख्यधारा में जुड़कर स्वच्छंद रूप से पारिवारिक जीवन जीना चाहते हैं। DSP बीजापुर शरद जायसवाल ने बताया कि आत्मसमर्पित माओवादी प्रतिबंधित संगठन में डीएकेएमएस अध्यक्ष, जनताना सरकार अध्यक्ष एवं मिलिशिया सेक्शन प्लाटून डिप्टी कमाण्डर के पद पर कार्यरत थे।
इधर बस्तर में पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली संगठन बैकफुट पर आ गए हैं। यही कारण है कि नए ठिकाने की तलाश में नक्सली संगठन अब इधर उधर भागने लगे हैं। खासकर बस्तर छोड़कर एमएमसी जोन की ओर भाग रहे हैं।
बीते दिनों 19 फरवरी को कवर्धा जिला के सीमा से सटे मध्यप्रदेश के गढ़ी थाना क्षेत्र में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 4 महिला ईनामी नक्सली ढ़ेर हो गए थे। जिसके बाद से एमएमसी जोन में लगातार सर्चिंग अभियान तेज हो गई है। कवर्धा पुलिस भी 19 फरवरी से लगातार सर्चिंग चला रही है।
डीएसपी कवर्धा कृष्णा चंद्राकर ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए चारों महिला नक्सली जिले के भोरमदेव एरिया कमेटी और बोड़ला डिवीजन में सक्रिय थे। खास बात ये है कि नक्सली बस्तर में पुलिस के दबाव के चलते एमएमसी जोन की ओर भाग रहे हैं। लेकिन एमएमसी जोन में सर्चिंग तेज करने से नक्सली संगठन पूरी तरह से बैकफुट पर हैं।