BHILAI NAGAR NEWS. संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना आठवां केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में मध्यम वर्ग, किसानों, युवाओं और व्यापारियों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं, जो देश की आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को और सशक्त करेंगे। सीए पीयूष जैन ने बताया कि मध्यम वर्ग के लिए यह बजट एक बड़ी राहत लेकर आया है। सरकार ने आयकर में बड़ी छूट देते हुए 12 लाख रुपए तक की आय को पूरी तरह कर मुक्त कर दिया है। वहीं, वेतनभोगियों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपए होगी, जिसमें 75,000 रुपए की मानक कटौती भी शामिल है। इससे लाखों करदाताओं को लाभ मिलेगा और उनकी बचत में वृद्धि होगी। करदाताओं की सुविधा के लिए नया कर स्लैब भी जारी किया गया है, जिसमें 12 लाख रुपए से अधिक आय वालों के लिए कर की दरें निर्धारित की गई हैं।
जैन ने बताया कि किसान कल्याण के लिए भी इस बजट में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। सरकार ने 6 वर्षीय योजना के तहत दालों और कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने की घोषणा की है। किसानों को कम ब्याज दर पर कृषि ऋण मिलेगा और फूड प्रोसेसिंग एवं एग्री-स्टार्टअप्स को विशेष सहयोग दिया जाएगा। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त करने में मददगार साबित होगी।
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बजट के बारे में जैन ने बताया कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने नई योजनाओं की घोषणा की है। स्टार्टअप्स और MSMEs को कर में छूट और सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। डिजिटल और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश बढ़ाकर नए रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। युवा कौशल विकास योजना के तहत तकनीकी और डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
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जैन ने बताया कि व्यापारियों और छोटे उद्यमों के लिए भी यह बजट महत्वपूर्ण है। MSME की परिभाषा को विस्तारित करते हुए निवेश और टर्नओवर की सीमा को बढ़ा दिया गया है, जिससे अधिक व्यवसायी इस श्रेणी में आ सकेंगे और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। अब MSMEs को बिना गारंटी के 10 करोड़ रुपए तक का ऋण मिलेगा, जबकि स्टार्टअप्स और नवाचार आधारित उद्योगों के लिए यह सीमा 20 करोड़ रुपए होगी। सरकार ने विशेष MSME ऋण कार्ड जारी करने की भी घोषणा की है, जिससे छोटे व्यापारियों को 5 लाख रुपए तक का त्वरित लोन मिल सकेगा।
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इसके अलावा, सरकार ने वित्तीय अनुशासन को सरल और प्रभावी बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस छूट की सीमा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई है। किराए पर टीडीएस की सीमा भी 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दी गई है। वहीं, विदेश में पढ़ाई के लिए लिए गए ऋण पर कोई टीसीएस नहीं लगेगा, यदि यह सरकार द्वारा अधिसूचित वित्तीय संस्थानों से लिया गया हो।
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जैन ने बताया कि सरकार का लक्ष्य व्यापार और उद्योग को आसान बनाना है। औद्योगिक भूमि प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार एक राष्ट्रीय भूमि बैंक विकसित कर रही है, जिससे निवेशकों को भूमि संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। पर्यावरण नियमों के अनुपालन को आसान बनाने के लिए एकीकृत पर्यावरण फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार एक नया जन विश्वास अधिनियम 2025 पेश करने जा रही है, जिसके तहत 100 से अधिक ऐसे नियम, जो पहले आपराधिक श्रेणी में आते थे, अब गैर-आपराधिक श्रेणी में लाए जाएंगे। यह बजट न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि प्रत्येक वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह बजट आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम है