BILASPUR NEWS. बिलासपुर में कांग्रेस के भीतर घमासान जारी है। मतदान के साथ कांग्रेस का आंतरिक घमासान और ज्यादा बढ़ गया है। खुला व भितरघात करने वालों को जिस तरह चुन-चुनकर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। परिणाम से पहले कांग्रेस में फैले इस असंतोष ने सियासत को गरमा दिया है। एक तरफ जहां खुद कांग्रेस के नेता अब कार्रवाई पर खुलकर सवाल उठा रहे हैं, वहीं भाजपा को भी इसी बहाने कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है।
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दरअसल, कांग्रेस में इस समय जमकर बवाल की स्थिति है। कोई नेता खुलकर पार्टी के खिलाफ बोल रहा है, तो कोई बागी और पार्टी का कार्यकर्ता, पदाधिकारी बनकर खुला व भीतरघात कर रहा है। ऐसे नेताओं को अब पार्टी चुन – चुनकर बाहर का रास्ता दिखा रही है। मतदान के बाद अकेले बिलासपुर में ऐसे आधा दर्जन कांग्रेसियों को पार्टी से बाहर किया जा चुका है।
हालांकि, जिस तरह परिणाम से पहले निष्काषन की कार्रवाई की जा रही है, उससे कांग्रेस के भीतर का आंतरिक घमासान अब खुलकर बाहर आ गया है। खुद कांग्रेस के नेता अब इस तरह की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय इसे पार्टी के संविधान के खिलाफ बता रहे हैं। उनका कहना है, बिना सुनवाई के अवसर दिए एकतरफा कार्रवाई की जा रही है, जबकि, उनके साथ ही कई कार्यकर्ता वर्षों से पार्टी के आचार-विचार और सिद्धांत के साथ काम कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने खुदपर हुए कार्रवाई को भी गलत बताया है। उनका कहना है कि, वे प्रदेश पदाधिकारी हैं, ऐसे में कार्रवाई का अधिकार प्रदेश कांग्रेस को है, लेकिन जिलाध्यक्ष व्यक्तिगत खुन्नस में एकतरफा और पार्टी संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, कांग्रेस पदाधिकारी कार्रवाइयों को पार्टी के संविधान के संगत बताने में लगे हुए हैं।
इधर, कांग्रेस में मचे इस खुले घमासान के बीच बीजेपी को कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है। बीजेपी इसे कांग्रेस के असल चरित्र और रीति नीति से जोड़ रही है। भाजपा नेताओं का कहना है, कांग्रेस का मतलब ही आज अनुशासनहीन हो गया है। परिणाम से पहले हार को लेकर कांग्रेसी एक दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं।
बहरहाल, चुनावी शोर और परिणाम से पहले मचे घमासान ने कांग्रेस को बैकफुट में ला दिया है। कांग्रेस का अंतर्कलह जहां सामने है, वहीं बीजेपी को भी इसी बहाने सियासत का मौका मिल गया है।