LUCKNOW NEWS. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में माता-पिता भाई-भतीजों की हत्या करने वाले दम्पती को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। दोषी पाए गए दम्पती ने सम्पत्ति के विवाद में अपने ही परिजनों की कुल्हाड़ी और बंदूक से नृसंश हत्या कर दी थी। जबकि हत्याकाण्ड में शामिल दम्पती के नाबालिग पुत्र का मामला किशोर न्यायालय में स्थानान्तरित कर दिया गया है।
यूपी के लखनऊ में स्पेशल कोर्ट ने सम्पत्ति के विवाद में एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने पर दम्पती को मौत की सजा सुनाई है। बंथरा थाना क्षेत्र के इस मामले में दोषी पाए गए हत्यारे अजय सिंह और रूपा सिंह हैं। गवाहों द्वारा कोर्ट को बताया गया कि अरुण सिंह को सिर में गोली मारी गई थी, जबकि उनकी पत्नी और बच्चों को कुल्हाड़ी से काटा गया। कोर्ट ने कहा कि ऐसी क्रूर हत्या जिसका उद्देश्य भय और आतंक फैलाना हो, समाज की अन्तरआत्मा को झकझोरती है।
कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मामला बताया है। कोर्ट ने माना कि इस नृसंश हत्याकाण्ड में समाज की अन्तरआत्मा को झकझोर दिया। फैसला सुनाते स्पेशल जज ने कहा कि इस बर्बर हत्या को सम्पत्ति के विवाद के चलते अंजाम दिया गया। कोर्ट ने दोषियों को मौत की सजा सुनाई। साथ ही यह भी कहा कि इसे हाईकोर्ट द्वारा मंजूरी मिलना आवश्यक है। दोषियों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा साजिश के लिए लिए उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा दी गई।
अजय सिंह को शस्त्र अधिनियम के तहत 3 साल की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। दोषियों के पुत्र को नाबालिग पाए जाने पर उसका मामला किशोर न्यायालय में स्थानान्तरित कर दिया गया है।
लगभग पाँच साल पूर्व 30 अप्रैल 2020 को शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उसके भाई अजय सिंह, भाभी रूपा और भतीजे ने मिलकर उसके पिता अमर सिंह, माँ रामदुलारी, भाई अरुण सिंह, भाभी रामसखी, भतीजी सारिका और भतीजा सौरभ की कुल्हाड़ी और बन्दूक से हत्या कर दी।
शिकायत में बताया गया था कि अजय सिंह ने अपने पिता से सम्पत्ति बेचने से जो धनराशि मिली थी, उस धनराशि की मांग की थी। उसे शक था कि यह धनराशि छोटे भाई अरुण को दे दी जाएगी। इसके चलते ही हत्याकाण्ड को अंजाम दिया गया था।